उमरिया : कलक्टर एवं जिला दंडाधिकारी धरणेन्द्र कुमार जैन के संज्ञान में यह बात आई है कि वर्तमान में गेहूं एवं धान की फसल कटाई अधिकांशतः कंबाइंड हार्वेस्टर से की जाती है. कटाई के उपरांत बचे हुए गेहूं के डंठलों (नरवाई) से भूसा न बना कर जला देने और धान के पैरा यानी पुआल को जला देने से धान का पुआल एवं भूसे की आवश्यकता पशु आहार के साथ ही अन्य वैकल्पिक रूप में एकत्रित भूसा ईंटभट्ठा एव अन्य उद्योग भी प्रभावित होते हैं. गेहूं एवं धान के पुआल की मांग प्रदेश के अन्य जिलों के साथ अनेक प्रदेशों में भी होती है. एकत्रित भूसा 4-5 रुपए प्रति किलोग्राम की दर पर विक्रय किया जा सकता है.
इसी तरह गेहूं का पुआल भी बहुपयोगी है. पर्याप्त मात्रा में भूसा/पुआल उपलब्ध न होने के कारण पशु अन्य हानिकारक पदार्थ जैसे पौलीथिन आदि खाते हैं, जिस से वे बीमार होते हैं और अनेक बार उन की मृत्यु हो जाने से पशुधन की हानि होती है.
नरवाई का भूसा 2-3 माह बाद दोगुनी कीमत पर विक्रय होता है और किसानों को यही भूसा बढ़ी हुई कीमतों पर खरीदना पड़ता है. साथ ही, नरवाई एवं धान के पुआल में आग लगाना खेती के लिए नुकसानदायक होने के साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक है. इस की वजह से विगत सालों में गंभीर आग लगने की घटनाएं होने से बड़े पैमाने पर संपत्ति की हानि हुई है.
गरमी के सीजन में बढ़ते जल संकट में बढ़ोतरी के साथ ही कानून व्यवस्था के विपरीत परिस्थितियां बन जाती हैं. खेत की आग के अनियंत्रित होने पर जनधन, संपत्ति, प्राकृतिक वनस्पति एव जीवजंतु आदि नष्ट होने से व्यापक नुकसान होने के साथ ही खेत की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले लाभकारी सूक्ष्म जीवाणुओं के नष्ट होने से खेत की उर्वराशक्ति धीरेधीरे घट रही है और उत्पादन प्रभावित हो रहा है.
वहीं खेत में पड़ा कचरा, भूसाडंठल सड़ने पर भूमि को प्राकृतिक रूप से उपजाऊ बनाते हैं, जिन्हें जला कर नष्ट करना ऊर्जा को नष्ट करना है. आग जलाने से हानिकारक गैसों के उत्सर्जन से पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में गेहूं एवं धान की फसल कटाई के उपरांत बचे हुए गेहूं के डंठलों (नरवाई) और धान के पुआल को जलाना प्रतिबंधित करने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करना आवश्यक है. अत्यावश्यक परिस्थितियां बनने व समयाभाव के कारण सार्वजनिक रूप से जनसामान्य को सूचना दे कर आपत्तियों को सुना जाना संभव नहीं है.
कलक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत जनसामान्य के हित सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा, पर्यावरण की हानि रोकने एंव लोक व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रत्येक कंबाइंड हार्वेस्टर के साथ भूसा तैयार करने के लिए स्ट्रा रीपर अनिवार्य करते हुए संपूर्ण उमरिया जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में गेहूं एव धान की फसल कटाई के उपरांत बचे हुए गेहूं के डंठलों (नरवाई) और धान के पुआल को जलाने (आग लगाए जाने) को एकपक्षीय रूप से प्रतिबंधित किया है. आदेश का उल्लंघन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय होगा.