सर्दियों के शुरू होते ही लखनऊ के चौक इलाके में गोल दरवाजे के पास सुबह से ही सड़क पर मक्खन मलाई बेचने और खाने वालों की कतार लग जाती है. वैसे तो अब लखनऊ के अलावा और भी तमाम शहरों और मिठाई की बड़ी दुकानों में भी मक्खन मलाई बिकने लगी है, पर जो स्वाद गोल दरवाजे की मक्खन मलाई का है वह किसी और जगह का नहीं होता. यहां का माहौल खाने वालों को अपनी ओर खींचता है.

मीठा मक्खन मलाई नवाबी समय से चलन में है. अब बदलते दौर के साथ भी इस को बनाए रखा गया है. यह लखनऊ की खास पहचान है.

कई लोग इसे साइकिल में रख कर गलीगली बेचते हैं तो कहीं इसे मीठा मक्खन भी कहा जाता है. इस को बनाने का तरीका बहुत ही आसान होता है. जरूरत इस की सही देखभाल की है.

गरमी के मौसम में यह जल्द पिघलने लगती है. इस वजह से गरमियों में इस का इस्तेमाल कम हो जाता है. मिठाई की बड़ी दुकानों में यह गरमियों में भी मिलती है. इस को फ्रिज के सहारे पिघलने से बचाया जा सकता है. ऐसे में अब इस का स्वाद सालभर लिया जा सकता है.

दूध से मक्खन मिलता है. इस को निकालने के लिए दूध को मथना पड़ता है. मक्खन में फैट, पानी और दूध से मिलने वाला प्रोटीन होता है.

आमतौर पर मक्खन का सेवन रोटी या ब्रैड पर लगा कर किया जाता है. घी के मुकाबले इस में फैट कम होता है इसलिए कई बार इस का इस्तेमाल खाने की चीजों को फ्राई करने में भी किया जाता है. इस के खाने से शरीर मजबूत होता है खासकर औरतों को इस का सेवन करने की सलाह डाक्टर भी देते हैं. दूध को एक खास तरीके से तैयार कर मीठा मक्खन या मलाई मक्खन को तैयार किया जाता है.

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