बस्तर : विगत 30 वर्षों से अधिक समय से हर्बल कृषि के क्षेत्र में नित नएनए शोध एवं प्रयोगों की वजह से हर्बल कृषि में वैश्विक स्तर पर लगातार कई कीर्तिमान स्थापित करते हुए, कृषि को फायदे का सौदा बना कर उस से लाभ प्राप्त करने वाले कोंडागांव, बस्तर, छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध हर्बल किसान डा. राजाराम त्रिपाठी को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंच से सम्मानित किया.
यह अवार्ड उन्हें दैनिक जागरण समूह के द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया.
अपरिहार्य कारणों से कार्यक्रम में न पहुंच पाने के कारण डा. राजाराम त्रिपाठी की ओर से यह अवार्ड मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के वरिष्ठ सदस्य और उत्तर प्रदेश प्रभारी चंद्रशेखर मिश्रा व डा. राजाराम त्रिपाठी के छोटे भाई योगेश त्रिपाठी ने ग्रहण किया.
डा. राजाराम त्रिपाठी ने अपने लिखित संदेश में कहा कि उन का परिवार पिछली 5 पीढ़ियों से बस्तर की सेवा कर रहा है. मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि दोनों ही बस्तर है, और मैं बस्तर से सर्वाधिक प्यार करता हूं. साथ ही, हमारे पुरखों की धरती प्रतापगढ़ से भी हमें बहुत लगाव है. प्रतापगढ़ के किसानों की उन्नति के लिए वह हर संभव सहायता करने को तैयार हैं. इस के लिए वह जल्द ही प्रतापगढ़ आएंगे.
उन्होंने कहा कि यह सम्मान दरअसल उन का सम्मान नहीं है, यह तो बस्तर की माटी का सम्मान है. उन्होंने अपने सम्मान को “मां दंतेश्वरी हर्बल समूह” परिवार के सभी सदस्यों को सादर समर्पित किया.
उन्होंने आगे कहा कि पावन धरती पर देश के जननायकों के हाथों सम्मानित होना मेरे जीवन की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
गौरतलब है कि डा. राजाराम त्रिपाठी द्वारा “मां दंतेश्वरी हर्बल फार्म और रिसर्च सेंटर” के जरीए विगत 3 दशकों से कई प्रकार के देशविदेश में भारी मांग वाली हर्बल फसलों जैसे सफेद मूसली, स्टीविया, काली मिर्च, आस्ट्रेलियन टीक आदि फसलों की गुणवत्ता, उत्पादकता और लाभदायकता बढ़ाने की दृष्टिकोण से इन पर निरंतर शोध कार्य करते हुए कई हर्बल फसलों की उन्नत किस्में भी डा. राजाराम त्रिपाठी द्वारा विकसित की गई हैं. इन नई किस्मों की अंकुरण दर और उन की उत्पादन क्षमता में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई है. इन के द्वारा विकसित की गई उन्नत किस्म काली मिर्च “मां दंतेश्वरी काली मिर्च-16” और ‘आस्ट्रेलियन टीक’ की सफल जुगलजोड़ी ने कृषि जगत में ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कृषि क्षेत्र में भी धूम मचाई है. हाल में ही इन्हें 40 लाख रुपए में बनने वाले एक एकड़ के “पौलीहाउस” का मात्र डेढ़ लाख रुपए में सस्ता, टिकाऊ और ज्यादा लाभ देने वाला नैसर्गिक विकल्प “नेचुरल ग्रीनहाउस” के सफल मौडल हेतु, देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के हाथों देश के सर्वश्रेष्ठ किसान (बेस्ट फार्मर अवार्ड -23) का अवार्ड भी प्रदान किया गया है.
बीएससी (गणित), एलएलबी, कारपोरेट ला एवं 5 अलगअलग विषयों में स्नातकोत्तर की डिगरियों और डाक्टरेट की उपाधि के साथ डा. राजाराम त्रिपाठी देश के सब से ज्यादा पढ़ेलिखे अग्रिम पंक्ति के किसान नेता के रूप में भी जाने जाते हैं.
सब से बड़ी बात तो यह है कि इन के इन रिसर्च एवं नवाचारों के फायदे बस्तर, छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि पूरे देश के किसान उठाने लगे हैं.
डा. राजाराम त्रिपाठी के उच्च लाभदायक बहुस्तरीय खेती और नेचुरल ग्रीनहाउस के ‘कोंडागांव- मौडल’ को देश की खेती का गेम चेंजर माना जा रहा है.