विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रतिदिन 400 ग्राम फल व सब्जियों का सेवन करने से कैंसर, मधुमेह एवं मोटापा जैसे रोगों से नजात पाने में सहायता मिलती है, इसलिए प्रत्येक को विभिन्न रंगों के फल व सब्जियों को अपने नियमित आहार में शामिल करना चाहिए, जिस से हम स्वस्थ रहें.

जैसे लोहे की वस्तु को जंग से बचाने के लिए जंगरोधक पदार्थ की आवश्यकता होती है, ऐसे ही हमारे शरीर के लिए रंगीन फल व सब्जियां काम करते हैं. शरीर को हानि पहुंचाने वाले मुक्त मूलकों को कम करने में फल व सब्जियां महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो तनाव, तेजी से उम्र बढ़ना और कैंसर जैसे रोगों के कारक बनते हैं.

Farmingफलसब्जियों के सेवन से हमारे मस्तिष्क को पैना करने में मदद मिलती?है. मुक्त मूलकों को कम कर के फल व सब्जियां हमारी स्मरणशक्ति को बढ़ाते हैं. वैसे तो 50 साल की उम्र के बाद स्मरणशक्ति कम होने लगती है, लेकिन ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी के सेवन से इस प्रवृत्ति को कम करने में मदद मिलती है.

हमारी त्वचा को मुक्त मूलक काफी नुकसान पहुंचाते हैं. इन मुक्त मूलकों को फलसब्जियों में पाए जाने वाले एंटीऔक्सीडैंट समाप्त करने में सक्षम होते हैं. अत: नियमित रूप से फलसब्जियों का सेवन त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है. चूंकि उबालने पर एंटीऔक्सीडैंट नष्ट हो जाते हैं, इसलिए ताजा व बिना पकाए ही फलोंसब्जियों का सेवन हमारी त्वचा को चमक प्रदान करते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देते हैं.

65 साल की उम्र के बाद रंगीन सब्जियां जैसे गाजर, टमाटर, ब्रोकली और गहरे रंग के फल जैसे केला, आड़ू, बेरी, संतरा, कीवी और पपीता शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है. इस उम्र में फलसब्जियों को पका कर या काट कर खाया जा सकता है, जिस से बदहजमी व दांतों की समस्या से बचा जा सकता है.

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