नर्मदापुरम : प्रदेश में नर्मदपुरम संभाग के नर्मदापुरम एवं बैतूल जिले में रेशम उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी जिले हैं. नर्मदापुरम जिले के मालाखेड़ी रेशम परिसर में प्रदेश का रेशम वस्त्रों का सब से बड़ा शोरूम ‘प्राकृत’ संचालित किया जाता है, जिस में नवीन वस्‍त्रों की श्रंखला में नवीन बाघ प्रिंट, कलमकारी प्रिंट, पचेड़ी प्रिंट, बनारसी और जामदानी के शुद्ध रेशमी वस्त्र विक्रय एवं प्रदर्शन के लिए उपलब्ध हैं. साथ ही, उक्त परिसर में ही मलबरी रेशम धागाकरण, टसर धागाकरण, मूंगा रेशम धागाकरण व रेशम वस्त्र बुनाई का काम भी किया जाता है. रेशम परिसर मालाखेड़ी में रेशम उत्पादन प्रक्रिया से जोड़ कर लगभग 80 महिलाओं को रोजगार भी दिया जा रहा है.

जिला रेशम अधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया कि जिले में रेशम उत्पादन का काम सोहागपुर, गूजरवाडा, सुखतवा बनखेड़ी, डोकरीखेड़ा, पनारी, पिपरिया व राजलढाना में मुख्य रूप से किया जाता है. उल्लेखनीय है कि जिले में मलबरी रेशम के 1,80,295 पौधों का रोपण भी किया गया है एवं आगामी फसल में टसर काकून की भी बंपर पैदावार होने की संभावना है.

संभाग के बैतूल जिले में भी इस वित्तीय वर्ष में निजी और शासकीय क्षेत्र में कुल 100 एकड़ प्रक्षेत्र में 4 लाख से भी अधिक पौधों का रोपण किया गया है. बैतूल जिले में सतपुड़ा वूमेन सिल्क प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा रेशम उत्पादन का काम पाढर में संचालित किया जा रहा है. लगभग 300 किसानों द्वारा यहां मलबरी रेशम ककून उत्पादन और धागाकरण का काम किया जाता है. क्षेत्र में इस बार भी 100 परिवारों को रेशम गतिविधि से जोड़ा गया है. रेशम से जुड़ कर इन परिवारों ने रोजगार प्राप्त किया है एवं आत्मनिर्भर हुए हैं. कई दीदियां लखपति दीदी भी बनी हैं.

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