दिल्ली प्रैस के गौरवशाली प्रकाशनों में शुमार किसानों की प्रिय पत्रिका ‘फार्म एन फूड’ द्वारा ‘फार्म एन फूड अवार्ड 2018’ का आयोजन उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की मनियर तहसील के मनियर इंटर कालेज के सभागार में किया गया. इस में खेती, बागबानी, डेरी व डेरी उत्पाद, मत्स्यपालन, मौनपालन यानी मधुमक्खीपालन, कृषि में तकनीकी व यंत्रीकरण, व्यावसायिक खेती के जरीए अपनी माली हालत में सुधार करने वाले तकरीबन 130 किसान शामिल हुए.
इस दौरान 64 किसानों को ‘फार्म एन फूड अवार्ड 2018’ से सम्मानित किया गया. उन्हें प्रमाणपत्र, मैडल, शील्ड व ‘फार्म एन फूड’ पत्रिका भी प्रदान की गई.
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के रूप में प्रगतिशील किसान श्रीनिवास मिश्र, सीपी सिंह, मैनेजर सिंह के उद्घाटन भाषण से हुई. उन्होंने कहा कि खेती और किसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इन के जरीए ही इनसानों और जानवरों का पेट भरता है.
दुनिया में पुराने समय में हालात ऐसे थे कि धरती पर भरपूर खाना था लेकिन आज देखा जाए तो हालात कुछ ऐसे हैं कि एक बड़ी आबादी को हर रोज रात को भूखे पेट सोना पड़ता है.
इस समय खेती उत्पादन को बढ़ाने की दरकार सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में है. दूसरे देशों के साथसाथ भारत भी खेती उत्पादन को बढ़ाने में लगा है.
ऐसे में ‘फार्म एन फूड’ पत्रिका अपने लेखों के जरीए आगे बढ़ने का रास्ता दिखाती रही है. इसलिए किसानों के हौसले को बढ़ाने के लिए ‘फार्म एन फूड’ पत्रिका ने किसानों, खेती के क्षेत्र से जुड़े संस्थानों और वैज्ञानिकों को एक मंच पर ला कर ‘फार्म एन फूड अवार्ड’ से सम्मानित करने का जो फैसला लिया है वह दूसरे मीडिया समूहों को आईना दिखाने का काम करेगा.
इस दौरान उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार समारोह के जरीए खेती के नवाचार और आधुनिक जानकारी को किसानों तक पहुंचाना है.
किसानों को मिली पहचान
‘फार्म एन फूड अवार्ड 2018’ के दौरान जब किसानों को खेतीबारी के लिए सम्मानित किया गया तो किसानों के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी. हाथों में प्रमाणपत्र, मैडल, स्मृति चिह्न व ‘फार्म एन फूड’ पत्रिका पाते ही किसान चहक उठे.
इस दौरान किसानों का कहना था कि हम लोग बारिश, धूप, ओला वगैरह की परवाह किए बिना दिनरात खेतों में काम करते हैं तब जा कर कहीं देश की सवा अरब आबादी के मुंह में अन्ना का दाना जाता है, उस के बाद भी हमारी अनदेखी की जाती है.
मीडिया द्वारा भी अकसर किसानों को दीनहीन पेश किया जाता है, जिस से लोगों की नजर में किसान की अहमियत कम होती जा रही है.
किसान अखिलेश सिंह ने कहा कि जब कोई किसान किसी अधिकारी के पास जाता है तो उसे घंटों इंतजार कराया जाता है और उसी जगह कोई नेता आ जाए तो वही अधिकारी नेताओं के आगेपीछे घूमते रहते हैं. ऐसे में किसानों को अपनी अहमियत खुद साबित करनी होगी.
किसान वीरेंद्र राय ने कहा कि वे ‘फार्म एन फूड’ के नियमित पाठक हैं. यह पत्रिका जिस तरह से किसानों को सही राह दिखाने में अपनी अहम भूमिका निभा रही है, अगर देश के दूसरे मीडिया घराने भी इसी तरह से किसानों को सही राह दिखाने का काम करें तो किसानों की हालत में काफी हद तक सुधार आ जाए.
किसान वीरेंद्र बहादुर श्रीवास्तव ने कहा कि ‘फार्म एन फूड’ पत्रिका बिना किसी दबाव के किसानों की समस्याओं का निदान करती रही है. साथ ही, इस पत्रिका ने किसानों को खेतीबारी से जुड़े औजारों, खेती की आधुनिकतम तकनीकों, किसानों की सफलता की कहानियों के जरीए भी रास्ता दिखाने का काम किया है.
कृषि विशेषज्ञों के टिप्स
‘फार्म एन फूड अवार्ड’ के दौरान अलगअलग महकमों से जुड़े कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को खेतीबारी से जुड़े जरूरी टिप्स भी दिए. उद्यान और बागबानी विशेषज्ञ डाक्टर राजीव नंदन राय ने किसानों को सब्जी की खेती और बागबानी के जरीए आमदनी बढ़ाने के तौरतकरीकों पर जानकारी दी. साथ ही, फलों और सब्जियों की उन्नत प्रजातियों व कृषि तकनीकी पर भी रोशनी डाली.
गन्ना महकमे से जुड़े पर्यवेक्षक राजेश सिंह ने गन्ने के अधिक उत्पादन वाली प्रजातियों और खेती की तकनीकी बताई. साथ ही, गन्ने में लगने वाले कीटों और बीमारियों की रोकथाम की विधि भी बताई.
ये किसान हुए सम्मानित
बलिया की मनियर तहसील में आयोजित ‘फार्म एन फूड अवार्ड’ में पूर्वांचल के जिलों से जुड़े तकरीबन 64 किसानों को सम्मानित किया गय. इस में राजकुमार यादव को केला उत्पादन, उपेंद्र कुमार राय को बागबानी, हरिंद्र कुमार यादव को पशुपालन, जितेंद्र कुमार को परवल की खेती में, सुशील कुमार राय को खाद्यान्न उत्पादन, अभय नारायण को फूल की खेती, संतोष कुमार को खेती के लिए सम्मानित किया गया.
इस के अलावा हरेराम चौरसिया, सुरेंद्र चौरसिया, हरिंद्र राय, रामजी, अमर सिंह, परमात्मा सिंह, अजीत सिंह, श्याम सिंह, अनिल सिंह, दिग्विजय सिंह, विनय कुमार सिंह, हरेंद्र सिंह, संपूर्णानंद, हरी राजभर, शैलेंद्र सिंह, रामजीत वर्मा, अमावस तिवारी, गुड्डू मिश्रा, श्रीनिवास मिश्रा, बच्चा सिंह, रवि प्रकाश राय, आनंद प्रकाश सिंह, सुशील कुमार सिंह, रितेश यादव, धीरेंद्र शर्मा समेत अनेकों किसानों को सम्मानित किया गया.
इन्हें भी मिला सम्मान
ग्रामीण विकास की गौरवगाथा लिखने वालों को भी ‘फार्म एन फूड अवार्ड’ से सम्मानित किया गया, जिन में सिद्धार्थनगर जिले के ग्राम प्रधान दिलीप कुमार त्रिपाठी और बलिया जनपद के रतसर कला गांव की महिला ग्राम प्रधान स्मृति सिंह को गांव में नवाचारी तरीकों के जरीए किए जा रहे विकास के कामों के लिए पुरस्कृत किया गया.
गौरतलब है कि इन दोनों ग्राम प्रधानों को विकास के कामों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भी पुरस्कृत किया जा चुका है.
इस के अलावा गंवई कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देवरिया जिले के भोजपुरी अभिनेता रविशंकर मिश्रा, कला शिक्षक आलोक शुक्ल, सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद मिश्रा, बस्ती जिले के किसान राममूर्ति मिश्रा, सचिंद्र शुक्ल, स्काउट मास्टर कुलदीप सिंह, शैलेंद्र राय, कांसैप्ट फार्मास्यूटिकल लिमिटेड से राजीव कुमार सिंह को भी सम्मानित किया गया.
दवा कंपनी ने बांटे उपहार
किसानों के सम्मान समारोह के दौरान कांसैप्ट फार्मस्यूटिकल लिमिटेड की तरफ से प्रतिनिधि राजीव कुमार सिंह ने भी किसानों को उपहार बांटे और उन्हें पशुपालन से जुड़ी जानकारियां भी दीं.
इन की भी रही भूमिका
‘फार्म एन फूड’ के सफल आयोजन में बलिया जिले के प्रगतिशील किसान शैलेंद्र राय की अहम भूमिका रही. उन्होंने बहुत कम समय में इस आयोजन की तैयारी कर इसे सफल बनाने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ी.