नई डिजिटल क्रांति का असर अब गांवों में भी दिखने लगा है. ग्रामीणों के पास भी अब स्मार्ट फोन हैं. पिछले साल के आंकड़े बताते हैं कि तकरीबन 30 करोड़ से ज्यादा लोग मोबाइल पर ही इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिन में से तकरीबन 12 करोड़ से ज्यादा लोग ग्रामीण हैं.

ऐसे में अब खेतीबागबानी और उस से संबंधित दूसरे क्षेत्रों की तकनीकी और कारोबारी जानकारी मोबाइल पर ही ऐप्स के जरीए ले सकते हैं. ऐप्स के जरीए ही किसानों तक सरल और सटीक जानकारी बिना किसी देरी के पहुंच रही है, लिहाजा किसान ऐप्स को तेजी से अपना रहे हैं. खास बात यह है कि ऐप्स के जरीए सरकार व किसान और जानकार व किसान के बीच दोतरफा संवाद बढ़ रहा है. पहले जहां पोर्टल या वेबसाइट पर ज्यादातर अंगरेजी में ही जानकारी मिल पाती थी, वहीं अब ऐप्स पर कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी पूरी जानकारी मौजूद है.

क्या है मोबाइल ऐप : यह इंटरनेट से चलने वाला एक ऐसा सौफ्टवेयर है, जो खासतौर से छोटे कंप्यूटिंग डिवाइस जैसे स्मार्ट फोन या टैबलेट में आसानी से चलता है.

आइए जानते हैं, खेती से जुड़े कुछ खास मोबाइल ऐप्स के बारे में:

एम किसान : केंद्र और राज्य सरकारों ने किसानों से जुड़ी सभी सूचनाएं एक ही जगह पर मुहैया कराने के इरादे से एम किसान नाम पोर्टल विकसित किया है. एम किसान पोर्टल पर बिना पंजीकरण के सभी विषयों के संदेश लिखित और आडियो के रूप में प्राप्त किए जा सकते हैं. इस ऐप में खासकर 2 प्रकार की सूचनाएं दी जाती हैं, एक पुल एसएमएस और दूसरा आटोमेटेड काल जिसे आईवीआरएस कहा जाता है. कोई भी किसान अपनी सुविधा के हिसाब से किसी एक उपाय को चुन सकता है.

मोबाइल ऐप (Mobile App)

फसल बीमा : यह ऐप प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और अन्य फसल बीमा योजनाओं की सभी जानकारी किसानों तक पहुंचाता है. इस के जरीए प्रीमियम, बीमा राशि, सब्सिडी की जानकारी सहित कई खास जानकारियां आसानी से मिल जाती हैं.

पूसा कृषि : नई दिल्ली स्थित कृषि अनुसंधान, शिक्षा और प्रसार का प्रमुख केंद्र इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट, पूसा संस्थान ने पूसा कृषि नाम से एक ऐप तैयार किया है. इस ऐप में कृषि की दुनिया में होने वाले नए अनुसंधानों, नई प्रजातियों, कृषि, बागबानी और पशुपालन की उच्च तकनीकी व कृषि यंत्रीकरण की विशेष जानकारी बस एक क्लिक पर दी जाती है.

डिजिटल मंडी : डिजिटल मंडी ऐप काफी आसान है. इस के लिए ऐप पर रजिस्टर्ड होने की भी जरूरत नहीं है. इस से किसान और व्यापारी दोनों लाभ हासिल कर सकते हैं. इस ऐप पर देश भर के जिंसों के भाव बताने वाला केंद्र सरकार का काफी विश्वसनीय पोर्टल एगमार्कनेट से लगातार डेटा कनेक्शन बना रहता है, जिस से देश भर की प्रमुख मंडियों में सभी जिंसों की आवक और समर्थन मूल्य व जिंसों की गुणवत्ता के बारे में जानकारी मिलती है.

मोबाइल ऐप (Mobile App)

किसान सुविधा: किसान सुविधा ऐप हिंदी और अंगरेजी दोनों भाषाओं में मौजूद है. इस का मकसद किसानों को पैदावार से ले कर बिक्री तक हर काम में मदद देना है. मौसम की जानकारी, मंडी भाव की जानकारी, खेतीकिसानी की सलाह देना, इस की खूबी है. इस से अगले 5 दिनों के मौसम का पूर्वानुमान मसलन तापमान कितना रहेगा, बारिश कब कहां और कितनी होगी, हवा की गति और वायुमंडल में कितनी नमी रहेगी आदि कई खास जानकारियां जुटाई जा सकती हैं.

आईसीएआरएनआरसीपी  (अनार उत्पादन का खास ऐप) : सोलापुर, महाराष्ट्र में स्थित राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केंद्र ने इस ऐप को तैयार किया है. यह ऐप सीधे तौर पर आईसीएआर एनआरसीपी की वेबसाइट से जुड़ा है. इस ऐप से अनार के बागबान अनार की पैदावार की अच्छी तकनीक हासिल करने के लिए खास जानकारी भी जुटा सकते हैं.

अर्बन ग्रींस : शहरों में सीमित जगह होने से छत पर बागबानी और किचन गार्डनिंग का शौक लोगों में देखा जाता है. ऐसे शौकीनों के लिए सहकारी संस्थान इफको ने अर्बन ग्रीन नाम एक ऐप बनाया है. इस से आप पौधों और सब्जियों की खेती की पूरी जानकारी (मसलन पसंदीदा पौधों के लिए मिट्टी और जलवायु कैसी होनी चाहिए, रोग और कीड़ों से बचाव कैसे होना चाहिए वगैरह) हासिल कर सकते हैं. इस के अलावा इस में जानकारों से पूछें, मौसम आधारित सलाह, माय नर्सरी और किसी पसंदीदा पौधे या सब्जी वाली फसलों के लिए सर्च नाम से खास उपाय दिए गए हैं, जिन से शहर में रहने वाले किचन गार्डेन के शौकीनों को मदद मिलती है.

मोबाइल ऐप (Mobile App)

इफको किसान : इफको के जरीए ही कृषि से जुड़े क्षेत्रों जैसे पशुपालन, मुरगीपालन व बागबानी के हल के लिए 11 भारतीय भाषाओं में इफको किसान ऐप बनाया गया है. इस ऐप की खूबी यह  है कि इस में रिकार्डेड आडियो क्ल्प्सि भी मौजूद हैं, जिन्हें सुन कर खास जानकारी हासिल की जा सकती है. इस के अलावा इस में विशेषज्ञ का उपाय है, जिस के जरीए किसान अपनी दिक्कतों के हल पूछ सकते हैं. साथ ही मौसम संबंधी जानकारी, मंडी भाव, कृषि व उस के समाचार भी इस में मौजूद हैं. इस के अलावा ग्रुप चैट और ज्ञान भंडार नामक खास उपाय भी मौजूद हैं. ग्रुप चैट के माध्यम से किसान, खरीदार और बेचने वाले आपस में चैट कर के जानकारी हासिल कर सकते हैं.

फार्म ओ पीडिया : यह ऐप गुजराती और अंगरेजी भाषाओं में अलगअलग मौजूद है. जल्दी ही इसे दूसरी भाषाओं में भी लाने की तैयारी चल रही है. इस के माध्यम से मंडी भाव, फसलों की पूरी जानकारी और कृषि जगत के समाचार, केंद्र व राज्य सरकारों की कई योजनाओं की पूरी जानकारी हासिल होती है.

क्राप मैनेजर : क्राप मैनेजर नाम का ऐप फिलीपींस के इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट से तैयार करवाया गया है. इस ऐप की खासीयत यह है कि यह किसी खेत आदि में सही मात्रा और सही समय पर उर्वरक डालने की जानकारी देता है. ऐप चालू करने से पहले इस का पंजीकरण कराना होता है. इस साल बिहार के सीतामढ़ी जिले में धान की अच्छी पैदावार के लिए रून्नीसैदपुर प्रखंड के किसानों ने इस का इस्तेमाल कर के अच्छा लाभ कमाया.

शेतकारी मासिक ऐप : महाराष्ट्र सरकार का कृषि महकमा पिछले 51 सालों से कृषि के लिए शेतकारी नामक मासिक पत्रिका निकाल रहा हे. शेतकारी मासिक ऐप के जरीए शेतकारी पत्रिका आसानी से बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी पढ़ी जा सकती है.

खेदूत ऐप : गुजरात एग्रो इंडस्ट्रीज कारपोरेशन लिमिटेड ने गुजरात सरकार के लिए खेदूत नामक ऐप बनाया है, जो देश में अपनेआप में अनूठा है. अनूठा इस मामले में कि इस से एक ओर जहां किसान जानकारों से सलाह और हल हासिल कर सकते हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी अधिकारियों से सीधी बात कर पाते हैं. इस के अलावा कृषि संबंधी क्षेत्रों की भरपूर जानकारी, मौसम का पूर्वानुमान और सरकारी योजनाओं की जानकारी भी मिलती है.

कुछ अन्य खास ऐप : ऊपर बताए एप्स के अलावा काफी अन्य सारे ऐप्स सरकारी संस्थाओं, गैर सरकारी संस्थाओं और कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा बनाए गए हैं. इन में सभी सूबों में खेत के खसराखतौनी को आनलाइन हासिल करने के लिए भूलेख ऐप खासतौर से शामिल है.

ये तमाम ऐप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किए जा सकते हैं.

क्या कहते हैं जानकार

मोबाइल ऐप के फायदे के बारे में ग्रामीण डेवलपमेंट सर्विसेज (जीडीएस) बिहार इकाई के सीतामढ़ी जिले में चलाई जा रही इरास परियोजना के समन्वयक अशोक सिंह ने बताया कि इरी द्वारा विकसित क्राप मैनेजर ऐप के जरीए धान के खेत में प्रति हेक्टेयर 5-7 हजार रुपए की बचत देखी गई है. इस ऐप की खासीयत यह है कि यह एक बार पूरा डेटा फीड कर के किसानों का पंजीकरण होने के बाद फसल में कितना उर्वरक पड़ना है, किस समय पड़ना है, बाकायदा फसल की स्टेज सहित फोटो के साथ संबंधित शिफारिश रोमन हिंदी में देता है.

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