गुझिया कम लागत में तैयार होने के चलते हर तबके के लोगों के लिए इसे बनाना आसान है. समय के साथ गुझिया का रूप बदल गया है. अब केवल खोया या मावा वाली गुझिया ही नहीं बनती, बल्कि तरहतरह के मेवा जैसे केसर, अंजीर, काजू, पिस्ता और बादाम को मावा के साथ मिला कर गुझिया तैयार होने लगी है. जिन लोगों को कम लागत में गुझिया तैयार करनी है वे मावा में नारियल या सूजी मिला कर गुझिया बना लेते हैं. अगर बाजार में मावा नहीं मिल रहा है तो डबलरोटी को तोड़ कर उस में दूध और चीनी मिला कर सूखा हलवा जैसा बना करगुझिया में भर सकते हैं.
पहले जहां गुझिया ज्यादातर घरों में ही बनाई जाती थीं, पर अब यह मिठाई की बड़ीबड़ी दुकानों में बिकने लगी हैं. होली के सीजन में मावा महंगा होने के चलते गुझिया 180 रुपए किलोग्राम से ले कर 600 रुपए किलोग्राम तक की मिलती है. कहीं मावा की गुझिया के ऊपर चीनी के दाने चिपका कर उस का स्वाद बढ़ाया जाता है, तो कहीं पर गुझिया को चीनी के घोल में डाल कर उस पर चीनी की एक परत चढ़ा कर खाया जाता है.
मैदा से तैयार गुझिया दिखने में अच्छी लगती है तो स्वाद और सेहत को ध्यान देने वाले लोग आटे से बनी गुझिया पसंद करते हैं.
जो लोग मिठाई या फैट से परहेज करते हैं, वह बेकिंग गुझिया ओवन में तैयार करते हैं. इस में गु?िया को तेल में तलने की जगह पर ओवन में बेकिंग की जाती है.
घरों में बनने वाली गुझिया बदल गई है. अब वह घर से बाहर निकल कर बाजार तक पहुंच गई है. लखनऊ में छप्पन भोग के मालिक रवींद्र गुप्ता कहते हैं कि गुझिया इंटरनैशनल मिठाई की श्रेणी में आ गई है. विदेशों से भारत घूमने आने वाले लोग गुझिया का स्वाद जरूर लेना चाहते हैं. होली की शुभकामनाओं के साथ सब से ज्यादा गुझिया ही भेजी जाती है. घरों में तैयार होने वाली गुझियाअब दहलीज से बाहर निकल कर बाजार में दूसरी मिठाइयों से मुकाबला कर रही है.
गुझिया बनाने का तरीका
सभी तरह की गुझिया एक ही तरीके से बनाई जाती है. गुझिया का फर्क केवल इस के अंदर भरे गए मसालों से ही लगाया जा सकता है. मावा या खोया से बनने वाली गुझिया को तैयार करने के लिए 500 ग्राम मावा, 3 चम्मच घी, 500 ग्राम चीनी, काजू, किशमिश और छोटी इलायची लें. काजू के 5-6 टुकड़े कर लें. मावा को कड़ाही में डाल कर हलका ब्राउन होने तक गरम करें. इसे एक अलग बरतन में रख लें. चीनी पीस लें. मेवा, मावा और चीनी आपस में मिला कर गुझिया का मसाला तैयार कर लें.
गुझिया का आटा तैयार करने के लिए 500 ग्राम आटा ले कर इस में डेढ़ सौ ग्राम घी मिला लें. अब इस में 50 ग्राम दूध मिला लें और पानी से आटे को गूंध लें. तैयार आटा सेट होने के लिए 20 मिनट तक साफ गीले कपड़े से ढक कर रख दें. अब आटे को गूंध लें. आटे की छोटीछोटी लोई बना लें. लोई को बेल कर गुझिया कतरनी के बीच रखें. इस में गुझिया का मसाला रख कर गुझियाकतरनी को दबा दें. अगर गुझिया खुल रही हो तो उस पर बाहर से हलका पानी लगा दें. अब इन को कड़ाही में घी डाल कर गरम करें. ब्राउन होने तक गुझिया कड़ाही में ही रखें. इस के बाद इस को निकाल कर बाहर रख दें. गुझियाआमतौर पर मौसम सही हो, तो 12 से 15 दिन तक रख कर खाई जा सकती है.
दूसरी तरह की गुझियाबनाने के लिए मसाले में बदलाव किया जाता है. गुझिया को कुरकुरी चीनी के साथ खाने के लिए उस पर चीनी के दाने चिपकाए जाते हैं और रसदार गुझिया खाने के लिए चीनी की चाशनी में गुझिया को डुबो कर बाहर निकाला जाता है. इस की खास बात यही होती है कि चाशनी गरम होने से गुझिया का गरम स्वाद मिलता है.