Food processing| तरक्की के नजरिए से खाद्य प्रसंस्करण काफी बड़ा क्षेत्र है. इस से तरक्की की अनेक संभावनाएं हैं. इस के तहत अनेक तरह की फलसब्जियों की प्रोसेसिंग कर अनेक उत्पाद तैयार किए जाते हैं, जिन की बाजार में अच्छी कीमत भी मिलती है. इस में खासकर अचार, मुरब्बे, जैम, चटनी, जूस, पापड़, बड़ी, चिप्स, बिसकुट जैसे अनेक उत्पाद हैं, जिन्हें गांवदेहात से ले कर बड़े शहरों तक बहुत पसंद किया जाता है. सरकार की भी प्रोसेसिंग के क्षेत्र में लोगों को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं हैं.

फूड प्रोसेसिंग के तहत अनेक संस्थाओं व अनेक कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा इस तरह के कोर्स कराए जाते हैं, जहां से ट्रेनिंग ले कर कोई भी महिला या पुरुष इसे रोजगार का साधन बना सकता है और आमदनी ले सकता है. फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज्यादा हाथ आजमा रही हैं और सफल भी हो रही हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में महिलाएं घरेलू तौर पर पहले ही दक्ष होती हैं.

ऐसी ही एक महिला हैं राजवंती, जो हरियाणा के जींद जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने ‘सुप्रीम अचार उद्योग’ के नाम से अपनी इकाई लगा रखी है. पटियाला चौक रेलवे रोड पर स्थित इन की इकाई में तकरीबन 45 तरह के उत्पाद तैयार किए जाते हैं, जिन में 30 तरह के अचार, 6 तरह के मुरब्बे शामिल हैं. इन के अलावा वे अनेक तरह की चटनी, जैम, शर्बत, कैंडी वगैरह भी बनाती हैं. उन की इकाई में 15 से 20 लोगों को रोजगार भी मिल रहा है.

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हरियाणा के रोहतक व दादरी, पंजाब के चंडीगढ़ और दिल्ली के रोहिणी में इन के शोरूम हैं.

अभी हाल ही में चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में लगे कृषि मेले में राजवंती से मुलाकात हुई. उन्होंने बताया, ‘मुझे बचपन से ही तरहतरह के व्यंजन बनाने का शौक था.

‘यही शौक आज मेरा रोजगार बन गया और मैं इस लायक हो गई कि 15-20 लोगों को भी अपने साथ रोजगार दिया.’

हालांकि राजवंती ने सिलाईकढ़ाई में आईटीआई की है, लेकिन तरहतरह के पकवान बनाने के शौक ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है.

राजवंती ने बताया कि वे घरेलू तौरतरीकों से आयुर्वेद की पद्धति के मुताबिक अपने उत्पाद तैयार करती हैं, जिन्हें पूरी शुद्धता के साथ तैयार किया जाता है. लोगों का उन पर विश्वास ही उन की सफलता की सीढ़ी है.

उन्होंने आगे बताया कि खुद का रोजगार शुरू करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना की जानकारी अपने क्षेत्र के जिला उद्योग केंद्र, जींद से ली, जहां से उन्हें पूरा सहयोग मिला और प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत साल 2012-13 में उन्हें 25 लाख रुपए लोन बैंक द्वारा मुहैया कराया गया. उस के बाद उन्होंने ‘सुप्रीम अचार उद्योग’ के नाम से अपनी इकाई स्थापित की. इस के बाद वे दिल्ली व हरियाणा में लगने वाले कृषि मेलों में भी पहुंचने लगीं, जहां उन्होंने स्टाल लगा कर अपने उत्पादों को आम लोगों तक पहुंचाया.

आज के समय में फूड प्रोसेसिंग खासा मुनाफे का सौदा है. कम पढ़ेलिखे लोग भी इस की ट्रेनिंग ले कर इसे अपने रोजगार का जरीया बना सकते हैं. अनेक संस्थाओं और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा बहुत कम समय की ट्रेनिंग दी जाती है, जहां से टे्रनिंग ले कर कोई भी व्यक्ति अपना रोजगार शुरू कर सकता है.

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