बड़वानी : कलक्टर डा. राहुल फटिंग की अध्यक्षता में पिछले दिनों जिला निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई, जिस में फार्मर प्रोड्यूस और्गेनाइजेशन एफपीओ की प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई. बैठक में विभिन्न कृषक उत्पादक संगठन एवं सीबीबीओ संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित हुए, जिन के द्वारा एफपीओ की प्रगति का ब्योरा पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिया गया.

नाबार्ड से जिला विकास प्रबंधक विजेंद्र पाटिल ने बताया कि भारत सरकार की 10,000 एफपीओ योजना के अंतर्गत बड़वानी जिले के सभी 7 विकासखंडों में 14 एफपीओ बनाए गए हैं. जिले में ज्यादातर एफपीओ द्वारा अपने किसान सदस्यों को कम दर में कृषि संबंधित सामग्री मुहैया कराने के उद्देश्य से खाद, बीज, दवा आदि की दुकानें बनाई हैं. कुछ एफपीओ द्वारा विशेष काम किया जा रहा है, जिन में नाबार्ड एवं कृषि विकास संस्था की मदद से पानसेमल में देवमोगरा माता एफपीओ द्वारा 8 लाख रुपए की मिर्ची दुबई में निर्यात की गई. वर्ष 2024-25 के लिए यह लक्ष्य 1 करोड़ रुपए के निर्यात का रखा गया है. एफपीओ के सदस्य द्वारा उन्नत मिर्च की नर्सरी संचालित की जा रही है.

नाबार्ड एवं मंथन संस्था की मदद से निवाली में मोगी माता एफपीओ ने हलदी प्रोसैसिंग प्लांट स्थापित किया. भारत सरकार की एआईएफ योजना एवं नाबार्ड की एएमआई सब्सिडी योजना के अंतर्गत बैंक औफ इंडिया, सेंधवा शाखा ने मोगी एफपीओ को यह इकाई लगाने के लिए लोन दिया.

सीबीबीओ मंथन के डा. रजत सक्सेना द्वारा बताया गया कि स्थानीय स्तर पर इस से पहले हलदी प्रसंस्करण की सुविधा न होने के कारण किसानों से उन का उत्पादन बिचौलिए औनेपौने दाम में खरीदते थे, लेकिन हलदी प्रसंस्करण की सुविधा मोहैया होने से किसानों को स्थानीय स्तर पर ही यह संभव हो सकेगा, जिस से कि किसानों को उन के उत्पाद का उचित दाम मिलेगा एवं रोजगार के नए मौके मिलेंगे.

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