नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने समुद्री रास्ते के जरीए भारत से रूस तक केले के निर्यात की सुविधा प्रदान की है. मुंबई में रहने वाले फलों और सब्जियों के निर्यातक मैसर्स गुरुकृपा कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड नियमित रूप से यूरोपीय संघ और मध्यपूर्व में ताजा फल और सब्जियों का निर्यात करता है.

महाराष्ट्र से 20 मीट्रिक टन (1,540 बक्से) केले की एक खेप को एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने हरी झंडी दिखा कर भेजा. इस काम में केंद्रीय उपोष्ण कटिबंधीय बागबानी संस्थान का सहयोग रहा. एपीडा ने पारगमन में फलों की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए संस्थान द्वारा इस शिपमैंट के लिए नियोजित समुद्री प्रोटोकाल, समुद्री अंतर्राष्ट्रीय संधि का पालन किया.

एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव ने नए उत्पादों को नए गंतव्यों तक भेजने के लिए नए तरीके अपनाने के लिए निर्यातकों को प्रोत्साहित किया. एपीडा इन प्रयासों का समर्थन कर रहा है और सुविधाएं प्रदान कर रहा है.

उन्होंने एपीडा की वित्तीय सहायता योजना के बारे में जानकारी दी और बताया कि इस सहायता योजना में महिला उद्यमियों को अधिक समर्थन दिए जाने पर बल दिया जा रहा है. उन्होंने समुद्री प्रोटोकाल के विकास में केंद्रीय उपोष्ण कटिबंधीय बागबानी संस्थान के योगदान की सराहना की और सभी मुलाजिमों को बधाई दी.

हाल ही में रूस ने भारत से उष्ण कटिबंधीय फलों की खरीद में गहरी दिलचस्पी दिखाई है, जिन में से एक केला है. भारत से रूस में प्रमुख रूप से केले का आयात किया जाता है. इस से पहले रूस लैटिन अमेरिका में इक्वाडोर से केले का आयात करता था.

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