समयसमय पर किसानों को अपने खेत की मिट्टी की जांच जरूर करानी चाहिए, ताकि मिट्टी जांच से मिलने वाले नमूने के आधार पर अपनी खेती में जरूरी खाद, उर्वरक, बीज आदि की मात्रा तय कर सकें. ऐसा करने से किसानों को अपने खेत में अंधाधुंध खाद, उर्वरक देने से नजात तो मिलेगी ही, बल्कि खेत की मिट्टी को सही पोषक तत्त्व सही मात्रा में मिल सकेंगे.
मिट्टी का नमूना लेने की विधि
* सब से पहले अपने खेत को उर्वराशक्ति के अनुसार 2 या 2 से ज्यादा भागों में बांट कर रैंडम आधार पर 8-10 स्थानों से मिट्टी का एकएक नमूना लें.
* मिट्टी का नमूना लेने से पहले ऊपर की सतह से घासफूस साफ कर लें और एक लंबी खुरपी से ‘ङ्क’ आकार का गड्ढा खोदने के बाद उस के एक तरफ से एक इंच मोटी मिट्टी की परत निकाल कर किसी बरतन में डालें.
* इस तरह से पूरे खेत के 8-10 स्थानों से मिट्टी ले कर अच्छी तरह से मिला कर उस का एक ढेर बनाएं और उस ढेर पर + का निशान बनाएं.
* अब इस के आमनेसामने के 2 भागों की मिट्टी को हटा दें और बची हुई मिट्टी को दोबारा इकट्ठा कर लें. यह प्रक्रिया तब तक करें, जब तक कि मिट्टी तकरीबन 500 ग्राम न रह जाए.
* इस 500 ग्राम मिट्टी को एक साफ कपड़े की थैली में भरें व कागज पर अपना नाम सहित पूरा पता, विगत में ली गई और भविष्य में ली जाने वाली फसलों के नाम अंकित कर के उस थैली में डाल दें. इसी प्रकार की एक परची थैली के ऊपर बांध कर मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजें.
सिंचाईपानी का नमूना लेने की विधि
किसान सिंचाई के लिए अपने खेत में जिस पानी का उपयोग करते हैं, उस पानी का नमूना लेने के लिए यदि नलकूप है, तो पंप को 8-10 मिनट चलाने के बाद व यदि खुला कुआं है, तो बालटी से पानी निकालते समय उसे 8-10 बार डुबो लें और पानी के नमूने को एक साफ बोतल में नलकूप या कुएं के पानी से अच्छी तरह धो कर पूरा भर लें और बोतल के ऊपर किसान अपना पूरा नाम व पता लिख कर प्रयोगशाला को जांच के लिए भिजवाएं.
अधिक जानकारी हासिल करने के लिए अपने निकटतम कृषि कार्यालय में संपर्क करें या फिर किसान काल सैंटर के नि:शुल्क दूरभाष नंबर 18001801551 पर बात कर के अपनी समस्या का समाधान करें.