‘कोमल त्वचा का राज,’ ‘चेहरे पर ग्लो लाएं’ ‘चेहरे को खूबसूरत बनाएं’ जैसे इश्तिहारों से अखबार व दीवार अटे पड़े हैं, वहीं दूसरी ओर दुकानों पर भी साबुन के कई तरह के प्रोडक्ट देखने को मिलते हैं. पर आजकल बकरी के दूध से तैयार साबुन की मांग काफी बढ़ गई है.
बकरी का दूध केवल सेहत को ही नहीं, बल्कि सौंदर्य को भी कई तरह के फायदा पहुंचाता है. देश के कई जगहों पर तो स्वयं सहायता समूहों का गठन कर बकरी के दूध से साबुन, पनीर व दही जैसी चीजें बना कर बाजार में उतारी हैं.
केंद्रीय बकरी अनुसंधान (सीआईआरजी) ने बकरी के दूध से बने कई उत्पाद प्रदर्शनी में प्रस्तुत किए.
अनुसंधान का कहना है कि सीआईआरजी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का एक प्रमुख शोध संस्थान है, जो बकरियों पर शोध करता है. यह संस्थान ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रहा है. वर्तमान में देश में रोजाना 50 लाख टन बकरी के दूध का उत्पादन होता है. बकरी के दूध में पाचन तत्व, मध्यम व छोटे फैटी एसिड्स और महिलाओं के दूध के समान घटक होते हैं, इसलिए यह बच्चों के लिए भी फायदेमंद है.
बकरी का दूध प्रीबायोटिक, एंेटीइंफैक्शन और ऐंटीऔक्सीडेंट से भरपूर होता है. इस में लिनोलिक एसिड, सेलेनियम, नियासिन, विटामिन ए, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम, जिंक और मिनरल जैसे पोषक तत्व होते हैं. यह दूध कई बीमारियों में लाभदायक होता है.
यही वजह है कि बकरी का दूध जल्दी पच जाता है, क्योंकि इस में मिलने वाला वसा काफी कम होता है. नवजात शिशुओं के लिए भी यह दूध काफी लाभदायक होता है, साथ ही साथ हड्डियों को मजबूत करता है. इस में सूजनरोधी और कैंसररोधी अवयव भी हैं. यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है. डेंगू व चिकनगुनिया में कम होती प्लेटलेट्स को बढ़ाने में बकरी के दूध का सेवन फायदेमंद है.