चाट खाने वालों को सब से ज्यादा गोलगप्पा पसंद आता है. मेलों से ले कर शहरों के बड़ेबड़े मौल्स तक में इन की दुकानें मिल जाती हैं. इस का तीखा, मीठा और चटपटा स्वाद खाने वालों को लुभाता है. गोलगप्पे खाने वालों को अपनी तरफ खींचने के लिए गोलगप्पे वाले तरहतरह का तीखा पानी भी रखते हैं. दरअसल, गोलगप्पे में खासीयत इस के अंदर भरा जाने वाला पानी ही होता है.

गोलगप्पे का ठेला लगाना आसान होता है. इस में सीखने की जरूरत नहीं पड़ती है. गोलगप्पे बाजार में सैकड़ा के हिसाब से मिलते हैं. बस केवल इस में डालने के लिए पानी तैयार करना होता है.

एक दुकानदार 400-500 रुपए की दुकानदारी दिन में आराम से कर लेता है. जरूरत इस बात की होती है कि गोलगप्पे का पानी साफ और स्वादिष्ठ बना हो. कुरकुरे गोलगप्पे खाने में मजेदार होते हैं.

तीखे स्वाद के लिए गोलगप्पे में उबली मटर, आलू और मिर्चमसाला मिला कर भरा जाता है. इस के बाद चटपटा पानी डाला जाता है. अगर तीखा स्वाद पसंद न हो तो इस में दही और मीठी चटनी डाल कर भी खा सकते हैं.

गोलगप्पा बनाने वाले कारीगर इस को 90 रुपए से 200 रुपए प्रति सैकड़ा के भाव से बेचते हैं. इस को बनाने का काम औरतें करती हैं. कुछ चाट वाले खुद ही गोलगप्पे बनाते हैं. ज्यादातर लोग गोलगप्पा खरीद कर ही ठेला लगाते हैं. खाने वाले को यह 20 रुपए से 30 रुपए में 5 के हिसाब से मिलते हैं.

गोलगप्पे की कीमत स्वाद के हिसाब से तय होती है. दहीचटनी के साथ बिकने वाले पानी के बताशे महंगे बिकते हैं. इस में दहीचटनी के साथसाथ महीन सेव भी डाली जाती है जो इस के स्वाद को बढ़ा देती है.

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