आम के फलों को अगर अच्छे बाजार मूल्य पर बेचना चाहते हैं, तो इस के लिए जरूरी है कि आम के फल देखने में दागधब्बे रहित हों और दिखने में सुंदर भी हों. साथ में उस की साइज भी औसत में एकजैसी होनी जरूरी होती है. इस के लिए जितना जरूरी आम के बागों की समय से सिंचाई, गुड़ाईजुताई और कीट व बीमारियों का प्रबंधन होता है, उतना ही जरूरी हो जाता है कि फलों की बढ़वार की नियमित निगरानी और उस का बैगिंग किया जाना.
आम की परंपरागत और अधिक ऊंचाई वाली किस्मों में बैगिंग किया जाना तो संभव नहीं है, लेकिन देश में प्रचलित रंगीन बौनी किस्में, जिन्हें व्यवसाय के नजरिए से अच्छा माना जाता है और जिन के पौधों की बढ़वार बहुत कम होती है या जिन किस्मों की नियमित अंतराल पर प्रूनिंग का काम पूरा किया जाता है, उन किस्मों की फलत में बैगिंग किया जाना आसान होता है.
आम की सघन बागबानी वाली सभी किस्मों की बैगिंग किया जाना आसान होता है. ऐसे में किसान समय से आम के फलों की बैगिंग कर के अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. बैगिंग किए जाने से फलों की क्वालिटी में गुणात्मक बढ़ोतरी हो जाती है. जो किसानों बागबानों को अधिक बाज़ार मूल्य दिलाने में मददगार होता है.
कब करें बैगिंग या थैलाबंदी
आम के फलों की बैगिंग का सब से मुफीद समय आम के फलों के आंवले के साइज के आकार के होने पर होता है. इस दौरान सूक्ष्म पोषक तत्वों जैसे जिंक, सल्फेट, कौपर सल्फेट और बोरेक्स का पर्णीय छिड़काव करने के बाद एक थैले में एक ही फल को बंद कर के बैगिंग कर लेना चाहिए.
सघन बागबानी वाली किस्मों की कैसे करें थैलाबंद
सघन बागबानी के तहत रोपे गए आम के पौधे बौने साइज के होते हैं. ऐसे में इन किस्मों की थैलाबंदी आसान होती है. आम के फलों की थैलाबंदी के लिए जिन थैलों का प्रयोग किया जाता है, वह बाहर से भूरे और अंदर से काले रंग के होते हैं.
आप थैलाबंदी करते समय एकएक फलों पर थैला पहना कर उसे धागे से बांध दें. अगर थैलों की बंधाई नहीं की जाती है, तो हवा के झोंकों से थैले नीचे गिर सकते हैं.
कब करे थैलाबंद फलों की तुड़ाई
अगर आप ने अपने आम के बगीचे में फलों की थैलाबंदी कर रखी है, तो यह ध्यान रखें कि जब आम के फल पकने की अवस्था में पहुंच गए हों और उन के छिलके का रंग सुनहरा पीला हो गया हो, तभी तुड़ाई का काम शुरू करें.
चूंकि सघन बागबानी में पौधों की ऊंचाई कम होती है, ऐसे में फलों की तुड़ाई हाथ से आसान होती है. फलों को तोड़ते समय यह ध्यान रखें कि जब भी फल तोड़े जाएं, तो उन के साथ तकरीबन 1 सैंटीमीटर का डंठल जरूर लगा हुआ हो.
तुड़ाई के दौरान यह भी ध्यान रखें कि फलों को तोड़ते समय चोट न पहुंचे, अन्यथा फलों में सड़न पैदा हो सकती है. आप जब फलों की तुड़ाई कर लें, तो उन का भंडारण छायादार जगह पर ही करें. इस से फलों को लंबे समय तक महफूज रखा जा सकता है.
थैलाबंदी का फल की क्वालिटी पर असर
आम ही नहीं, बल्कि किसी भी फल की अगर थैलाबंदी कर दी जाए, तो उस के फल सामान्य आकार, चमकदार रंग के साथ दागधब्बा रहित होते हैं. थैलाबंदी वाले फलों की मिठास, क्वालिटी और भंडारण क्षमता खुले में तैयार फलों की तुलना में काफी अच्छी मानी जाती है. इस से न केवल फलों का वजन अच्छा बढ़ता है, बल्कि फल में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा भी बढ़ जाती है.