सरकार के साथ ही साथ खेती के माहिर भी किसानों को परंपरागत खेती के अलावा इस से जुड़े दूसरे कामों को करने की सलाह दे रहे हैं. उन्हीं में से एक है मधुमक्खीपालन. यह एक ऐसा व्यवसाय है, जो खेतीकिसानी से जुड़े लोग या फिर बेरोजगार नौजवान भी इसे अपना कर साल में लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं. इस व्यवसाय की विशेषता यह है कि इस में कम पूंजी लगा कर ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है.

दुनियाभर में भारत शहद उत्पादन के मामले में 5वां स्थान रखता है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के अलावा मधुमक्खीपालन को बढ़ावा देने के लिए देश के कई संस्थान इस ओर ध्यान दे रहे हैं.

इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आप को पहले ट्रेनिंग की जरूरत होती है, क्योंकि इस के बिना आप को घाटा उठाना पड़ सकता है. इसलिए बेहतर यही है कि पहले किसी अच्छे संस्थान से ट्रेनिंग लें, तब इस का व्यवसाय करना जोखिम को कम कर देता है.

मधुमक्खियां मौन समुदाय की रहने वाली कीट वर्ग की जंगली जीव हैं. इन्हें उन की आदतों के अनुकूल कृत्रिम गृह में पाल कर उन की बढ़वार करने और शहद व मोम वगैरह हासिल करने को मधुमक्खीपालन या मौनपालन कहते हैं.

शहद और मोम के अलावा दूसरी चीजें जैसे गोंद प्रोपोलिस, रौयल जैली, डंक विष भी हासिल होते हैं. साथ ही, मधुमक्खियों से फूलों में परपरागण होने के चलते फसलों की उपज में तकरीबन एकचौथाई अतिरिक्त बढ़ोतरी हो जाती है.

 

मधुमक्खी परिवार : एक परिवार में एक रानी, कई हजार कमेरी और 100-200 नर होते हैं.

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