अपने को और अपने परिवार को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के लिए अपनी दिनचर्या में कुछ जरूरी बदलाव करें. हमें अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने की आवश्यकता है. इस के लिए सब से अहम है कि हम नियमित रूप से संतुलित आहार ग्रहण करें.

संतुलित आहार शरीर में रोगाणु प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर शरीर को हजारों बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है. इस के आवश्यक तत्त्व में शामिल होते हैं : वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, मिनरल, विटामिन, जल और फाइबर. ये सभी तत्त्व हमारे अंगों और ऊतकों को प्रभावी तरीके से काम करने के लिए जरूरी होते हैं.

संतुलित आहार के आवश्यक भाग

वसा : यह रोजमर्रा के मैटाबौलिक कार्यों के लिए शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है. वसायुक्त भोजन जैसे  दूध, पनीर, मक्खन, क्रीम, घी, वनस्पति तेल और मछली के यकृत का तेल नियमित रूप से भोजन में शामिल करना चाहिए.

प्रोटीन : यह हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अतिआवश्यक है. यह शरीर के विकास और शरीर के आंतरिक कार्यों में अहम भूमिका निभाता है और शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का जरूरी हिस्सा है. प्रोटीनयुक्त भोजन में मीट, मछली, अंडा, दूध और उस से बने पदार्थं जैसे बींस, मटर आदि शामिल?हैं.

कार्बोहाइड्रेट : यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करता है. यह 2 प्रकार का होता है, अच्छा और बुरा. हमें अच्छे कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए जो दालों, कम वसा वाले दूध पदार्थ और फाइबर युक्त फल, आटे, सब्जियों में पाया जाता है.

विटामिन : यह रसायनों का एक समूह है. जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है. शरीर को हर विटामिन से फायदा मिलता है. इन में से कुछ हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए अहम हैं.

विटामिन ए : एक मजबूत इम्यूनिटी स्तर है, जो आप के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को विनियमित करने में मदद करता है. इस की कमी से संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है.

स्रोत : हरीपीली, नारंगी सब्जियां और फल जैसे कद्दू, हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर पपीता.

विटामिन बी : विटामिन मुख्यत: बी6 और बी12 हमारे शरीर को जीवाणुओं से लड़ने की ऊर्जा प्रदान करते हैं.

विटामिन बी6 : लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में सहायक होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर शरीर को बीमारियों से दूर रखता है. इस के मुख्य स्रोत हैं जौ, बाजरा, ज्वार, ब्राऊन राइस, मसूर दाल, उड़द दाल, केला, सहजन की पत्तियां व मेथी.

विटामिन बी12 : यह हमारी कोशिकाओं में पाए जाने वाले जीन के निर्माण और उन की मरम्मत में सहायता करता है. यह प्रतिरक्षा प्रणाली के संरचनात्मक घटक का अहम हिस्सा है. यह अंडे, दूध से बनने वाले पदार्थ जैसे मक्खन, पनीर, दही आदि में पाया जाता है.

विटामिन सी : यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को दुरुस्त रखने में सहायक होता है. यह विटामिन हर तरह के संक्रमण से लड़ने वाली श्वेत रक्त कणिकाओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है. इस के समृद्ध स्रोत हैं खट्टे फल, अंगूर, मौसमी, स्ट्राबेरी, संतरा, नीबू और सब्जियां जैसे टमाटर, ब्रोकली, गोभी, शिमला मिर्च आदि. इन खाद्य पदार्थों को भरपूर मात्रा में अपने आहार में शामिल करना चाहिए.

विटामिन डी : हमारी हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है और कैल्शियम के अवशोषण को बढ़ाने में विटामिन डी अहम भूमिका निभाता है. यह हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए अतिआवश्यक है. सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का सब से अच्छा स्रोत है और यह अंडे की जर्दी, वसा युक्त मछली के अलावा सोया और दूध के पदार्थ में मिलता है.

विटामिन ई : यह एक शक्तिशाली एंटीऔक्सीडैंट है. यह औक्सीडेटिव सैलुकर डैमेज और वायरस संक्रमण को रोकता है. इस के मुख्य स्रोत बादाम, अखरोट, सूरजमुखी बीज, अलसी के बीज, मछली व अन्य वसा युक्त खाद्य पदार्थ हैं.

मिनरल : धातु, आधु व उन के लवण के संयुक्त रूप को मिनरल कहते हैं. ये हमारे लिए कम मात्रा में पर आवश्यक रूप से जरूरी होते हैं. जिंक व सैलेनियम मुख्य तौर पर प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्त्वपूर्ण हैं. जिंक प्रतिरक्षा कोशिकाओं के निर्माण व उन के कार्य के लिए महत्त्वपूर्ण है. यह अनाज, सूखे मेवे, सोयाबीन, अंडा, काला तिल आदि में भरपूर मात्रा में पाया जाता है.

सैलेनियम मैटाबौलिक प्रक्रिया में एक एंटीऔक्सीडैंट के रूप में कार्य करता है. यह फ्री रैडीक्ल्स से होने वाले नुकसान को कम कर के प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करता है. साबुत अनाज, फली, चना दाल, दूध पदार्थ, अंडे आदि इस के अच्छे स्रोत हैं.

जल : शरीर की आवश्यक क्रियाओं के लिए पानी जरूरी है. यह पोषक तत्त्वों के अवशेषण में मदद करता है और शरीर के तापमान को नियमित बनाए रखता है. यह शरीर में इकट्ठा हो कर नहीं रहता और पेशाब व पसीने के जरीए निकलता रहता?है, इसलिए हमें अपने शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए और भरपूर पानी पीना चाहिए.

फाइबर : फाइबर पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थों में पाया जाता है. हालांकि यह भोजन नहीं है, लेकिन संतुलित आहार का हिस्सा है और पाचन तंत्र की नियमित क्रिया के लिए जरूरी है. सलाद, सब्जियों व फलों में यह अधिक मात्रा में पाया जाता है.

इन सब आवश्यक तत्त्वों को शामिल कर के हम अपने आहार को संतुलित बना सकते हैं. अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों का नियमित सेवन करना चाहिए.

पालक : यह पोषक तत्त्वों से भरपूर है. पालक में मौजूद एंटीऔक्सीडैंट बैक्टीरिया को खत्म करने वाली श्वेत रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करते हैं. पालक के सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत करता है.

टमाटर : टमाटर में पाया जाने वाला एंटीऔक्सीडैंट लायकोपिन शरीर फ्री रैडीकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है. इस के अलावा टमाटर में विटामिन सी और फाइबर भी उचित मात्रा में होता है, जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है.

लाल शिमला मिर्च : यह विटामिन सी, बीटा कैरोटिन और आहार फाइबर जैसे पोषक तत्त्वों का समृद्ध स्रोत है, जो हमारी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देती है.

अदरक : अदरक में जिजरौल पाया जाता है, जोे संक्रमण को कम करता है. इस के एंटी वायरल, एंटीबैक्टीरियल गुण इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाते हैं.

ब्रोकली : इस में पर्याप्त मात्रा में विटामिन सी, एंटीऔक्सीडैंट, फाइटो कैमिकल्स और फाइबर होते हैं जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं.

ग्रीन टी : ग्रीन टी एंटी औक्सीडैंट पोलीफेनौल्स के गुणों से भरपूर होती है, जो शरीर से हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को खत्म कर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है.

तुलसी : तुलसी को पारंपरिक रूप से एंटीमाइक्रोबियल गुणों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह हमारे शरीर को शक्तिशाली प्रतिरक्षा प्रदान करती है.

मेवे और बीज : इन्हें पोषक तत्त्वों का पावर हाउस कहा जाता है. ये पोटैशियम, आयरन फोलिक्र, मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं और शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाने में सहायक होते हैं.

लहसुन : लहसुन से एलीसिन नामक तत्त्व होता है, जो शरीर को किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ने की शक्ति प्रधान करता है. लहसुन को एक शक्तिशाली एंटीवायरल फूड माना जाता है.

हलदी : हलदी में करक्सूयिन नामक तत्त्व होता है जिस में एंटीमाइक्रोविराल व एंटी इंफ्लामैंट्री गुण होते हैं जो हमारी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाते हैं.

संतुलित आहार के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हमें स्वस्थ जीवनशैली को भी अपनाना चाहिए.

साफसफाई, व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. खांसते या छींकते समय मुंह को ढकें. हाथों को अच्छी तरह से धोएं. अपने आसपास के वातावरण को साफसुथरा रखें.

भरपूर नींद ले. तनाव मुक्त रहें और एकरात्मक सोचें. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अच्छी नींद लेना भी बहुत जरूरी है. पूरी नींद लेने से शरीर में साइटोकोन नामक हार्मोन बनता है, जिस से इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद मिलती है. रात में 7-8 घंटे की नींद जरूर लें.

शारीरिक सक्रियता बनाए रखें नियमित व्यायाम हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा देता है. वर्जित करने से शरीर का रक्त संचारण बढ़ता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती हैं. घर पर योग, मैडिटेशन आदि किया जा सकता है.

खाने को अच्छी तरह पकाएं अच्छी तरह से पका हुआ भोजन भी जरूरी है. सब्जियों को अच्छी तरह से धो कर उबालें और फिर खाने के लिए प्रयोग करें. प्रोसैस्ड और पैक्ड फूड से बचें और ऐसी चीजें जिन में प्रिर्जेटिव मिले हों, कम से कम काम में लें.

तंबाकू, शराब और अन्य किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन न करें. ये हमारे इम्यून सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं, हमारे शरीर में पाए जाने वाले स्वस्थ और अस्वास्थ्यकर बैक्टीरिया के बीच के संतुलन को बिगाड़ सकते हैं, जिस से हमारे शरीर में संक्रमणों से लड़ने की क्षमता कम होने लगती है.

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