अपनी सेहत के साथ दूसरों की सेहत को भी बेहतर बनाएं और हैल्दी धन कमाएं यानी ईमानदारी से आय अर्जित करें. ऐसा और्गेनिक फूड स्टोर शुरू  किया जा सकता है. आजकल लोगों में स्वस्थ बने रहने की जागरूकता बढ़ने के साथ किराना की दुकानों में और्गेनिक खाने का सामान मिलने लगा है. आने वाले वक्त में और्गेनिक फूड के बिजनैस में बहुत गुंजाइश है.

हां, और्गेनिक स्टोर शुरू करने से जुड़ी इन बातों का ध्यान जरूर रखें :

लाइसैंस और परमिट

बिजनैस को कानूनीतौर से मान्यता दिलाने के लिए दूसरे स्टोर्स की तरह इस में भी कुछ कानूनी कार्यवाही और खानापूरी होती हैं, जिन का पूरा होना जरूरी होता है. कुछ राष्ट्रीय और्गेनिक मापदंड हैं, जिन को इस बिजनैस के लिए क्वालीफाई करने के लिए पूरा करना जरूरी है :

* और्गेनिक ट्रेड एसोसिएशन से अपने स्टोर को सरकारी तौर पर और्गेनिक के रूप  में सर्टिफाइड (प्रमाणित) करवाएं.

* किसी भी राज्य में लागू होने वाले लाइसैंसेज और फूड परमिट के लिए स्वास्थ्य विभाग में अप्लाई करें.

* आईआरएस की वैबसाइट से एम्प्लायर आइडैंटिफिकेशन नंबर यानी ईआईएन के लिए अप्लाई करें.

* अपने बिजनैस के किसी भी एक मुख्य औपरेटिंग स्ट्रक्चर को चुनें, जैसे कि कारपोरेशन, सीमित लाइबिलिटी कंपनी (कंपनी की सीमित जिम्मेदारियां), पार्टनरशिप (सा झेदारी) या सोल प्रोपराइटरशिप (एकमात्र स्वामित्व).

* अपने बिजनैस के नाम से बैंक में खाता खोलें.

* बिजनैस  से संबंधित सभी खरीदारी के लिए बिजनैस एटीएम कार्ड काम में लें. यह आप के बिजनैस पर लोगों का भरोसा मजबूत करेगा.

स्टोर लोकेशन

स्टोर की लोकेशन बिजनैस की सफलता में अहम भूमिका निभाती है. हालांकि और्गेनिक फूड का बाजार हर तरफ है, फिर भी यह जानना जरूरी है कि हर कोई इस का भावी खरीदार नहीं हो सकता है. हालांकि एक बहुत अच्छी लोकेशन सफलता की गारंटी नहीं देती है, लेकिन एक बुरी लोकेशन लगभग हमेशा असफलता की गारंटी जरूर देती है.

सो, आप को ऐसी जगह चुननी चाहिए, जहां ग्राहकों के लिए सुरक्षा, सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट के साधन उचित मात्रा में हों. वहां पर पर्याप्त पार्किंग स्पेस भी होना चाहिए. उस जगह के अपने कंपीटिटर का भी ध्यान रखें. जितना कम कंपीटिशन, उतनी ही ज्यादा और आसानी से बिक्री होगी.

एक सब से अच्छी जगह वह है, जो सब की नगर में आए, आप के बजट में आए और जिस की शर्तें आप के लिए अनुकूल होंगी खासतौर से एक डिपार्टमैंटल स्टोर नए विकसित क्षेत्रों में अधिक सफल होता है.

एक जगह का किराया शहर, स्थान और डिपार्टमैंटल स्टोर के आकार के आधार पर 10,000 रुपए जैसी छोटी रकम से ले कर 10 लाख रुपए तक हो सकता है. एक स्टोर का किराया सुरक्षित तौर पर बिक्री का 4 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए.

स्टाफ का चयन

स्टोर चलाने के लिए आप को स्टाफ की  नियुक्ति करनी होगी. सेल्स एसोसिएट, कैशियर से ले कर बुककीपर तक. अगर आप बहुत सारा काम खुद कर सकते हैं, तो भी ग्राहकों को देखने के लिए स्टाफ की जरूरत जरूर होगी.

ग्राहक अनुभव

ग्राहकों का स्टोर के अंदर अच्छा अनुभव उन को वापस आप की दुकान पर ले कर आता है. हमें यह तभी हासिल होगा, जब हम अपने स्टाफ को प्राकृतिक और और्गेनिक खाद्य उत्पादों के बारे में सही जानकारी देंगे.

स्टाफ को ट्रेनिंग देना आप की मार्केटिंग रणनीति का एक जरूरी हिस्सा है. आप का स्टाफ हर दिन स्टोर में आप के उत्पादों के बारे में लोगों को बताएगा. अपने ग्राहकों को आप के द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भरोसा दिलवाने के लिए अपने स्टाफ को और्गेनिक्स और प्राकृतिक पर ट्रेनिंग दें.

अग्रिम निवेश

ऊंची  स्टार्टअप कीमतों  के लिए तैयार हो जाएं. और्गेनिक सामान नौनऔर्गेनिक सामान के बजाय अधिक महंगे होते हैं. पहली बार स्टोर को स्टौक से भरना जितना आप ने सोचा है उस से कहीं ज्यादा महंगी प्रक्रिया है.

उचित बिक्री मूल्य तय करें

और्गेनिक वस्तुओं की उच्च कीमत की वजह से यह उम्मीद करना आम बात है कि उन की कीमत नौनऔर्गेनिक दुकान में रखे हुए सामान से ज्यादा होगी. इस के बावजूद अगर आप के सामान की कीमत बहुत ज्यादा होगी, तो ग्राहक वह सामान किसी और से खरीद लेंगे.

* आसपास की और्गेनिक दुकानों द्वारा निर्धारित कीमतों को देख कर अपने सामान की कीमत निर्धारित करें.

* अगर कोई अन्य और्गेनिक स्टोर आसपास मौजूद नहीं है, तो यह जानें कि एक नौनऔर्गेनिक स्टोर अपने हर एक सामान पर कितना मुनाफा कमाता है. उस के आधार पर अपनी कीमत का मोटेतौर पर अंदाजा लगाएं और उसी अनुसार अपने सामान की कीमत निर्धारित करें.

* अपने सामान की बहुत कम कीमत निर्धारित करना आप को काफी नुकसान पहुंचा सकता है.

* बहुत ज्यादा मूल्य लगाना, मूल्यसंवेदनशील ग्राहकों का आना बंद करा सकता है.

* जब तक आप को अपने सामान की एकदम सही कीमत नहीं पता चलती है, तब तक आप को अपने सामान की कीमतों को कम और ज्यादा  करना पड़ सकता है.

और्गेनिक दुकान का औफलाइन विज्ञापन

इस बारे में सोचें कि आप अपने और्गेनिक और प्राकृतिक सामान का विज्ञापन कैसे करना चाहते हैं. लोगों द्वारा, स्थानीय विज्ञापन और प्रमोशन वे तरीके हैं, जिन से आप के स्टोर में लोगों का आना बढ़ सकता है.

और्गेनिक सामान खरीदने में रुचि रखने वाले लोगों का ध्यान खासतौर से अपनी ओर खींचें. विज्ञापनों को छपवाएं. समाचारपत्र में अपना विज्ञापन दें, शहर में चारों तरफ अपने फ्लायर/पैंफलेट बांटें. यदि संभव हो, तो भावी ग्राहकों को स्टोर तक लाने के लिए एक सीमित संख्या में कूपन बांटें.

असल में, आप एक फ्लायर या ब्रोशर पर पूरी तरह से अपने प्राकृतिक और और्गेनिक सामानों का प्रचार कर सकते हैं. ग्राहकों को अपने स्टोर में रखे प्राकृतिक और और्गेनिक्स सामानों के बारे में बताएं और यह भी बताएं कि वे कहां रखे हुए हैं.

उन्हें  सम झाएं कि आप का स्टोर प्राकृतिक और और्गेनिक सामान क्यों बेच रहा है. इस में नौनऔर्गेनिक फूड की तुलना में और्गेनिक फूड से क्याक्या फायदे हैं, ये भी शामिल करें.

औनलाइन विज्ञापन करें

यह जानना बहुत जरूरी है कि इस पीढ़ी के उपभोक्ताओं के पास भारी खरीद क्षमता है. वे  जानकारी के लिए इंटरनैट पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं.

सब से पहले अपनी और्गेनिक और प्राकृतिक खाद्य सामान की मार्केटिंग के लिए अपने स्टोर की वैबसाइट और सोशल मीडिया को काम में लें. दूसरा, गूगल  मैप पर अपने स्टोर को चिह्नित करें. साथ ही, बढ़ती औनलाइन उपभोक्ता आबादी तक पहुंचने के लिए सोशल मीडिया जैसे कि फेसबुक आदि को काम में लें.

मैनेज और ट्रैक करें

किसी भी बिजनैस को शुरू करना आसान काम है. उसे सफलतापूर्वक चलाना बहुत मुश्किल काम है. सब से पहले जानें कि आप अपनी दुकान में बिकने वाले सामानों की सूची को कैसे ट्रैक करें.

बिजनैस को अकेले या लोगों के साथ, बिना किसी असमंजस के संभालना, यह अगली सब से बड़ी चुनौती है. बिजनैस चलाने, इंवैंट्री को मैनेज करने और सामग्री की अकाउटिंग को आसान करने में ‘व्यापार’ जैसे बिजनैस सौफ्टवेयर को काम में लें. अधिकतर बिजनैसमैन अपने जीवन को आसान बनाने के लिए व्यापार जैसे बिजनैस अकाउंटिंग सौफ्टवेयर का उपयोग करते हैं.

सच बात तो यह है कि आर्गेनिक फूड उन कुछ श्रेणियों में से एक है, जो उच्चस्तरीय, उच्चमार्जिन अवसर ब्रैकेट में आता है. जैसेजैसे  प्राकृतिक और स्वस्थ खाद्य पदार्थों की तरफ ग्राहकों की जागरूकता बढ़ रही है, वे और्गेनिक खाद्य पदार्थों के लिए भुगतान करने को तैयार हैं. जब से लोग स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने लग गए हैं, तब से और्गेनिक सामान खरीदते समय एमआरपी पर ध्यान देना बंद कर दिया है.

इन सारी बातों का निचोड़ यह है कि ज्यादा खर्च करने की क्षमता और बढ़ती जागरूकता की वजह से ये उत्पाद न केवल लोकप्रिय हो रहे हैं, बल्कि लोग इन्हें खरीद भी रहे हैं.

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