आजकल देश के किसान जिन हालात से दोचार हो रहे हैं, ऐसे में अब हर कोई नौकरियों की तरफ भागने लगा है. इस की वजह सरकार की खेती को ले कर ढुलमुल नीतियां, कृषि उत्पादों के सही दाम न मिलना और बाजार की समस्या खास है. यही वजह है कि किसान सरकार के ऊपर खुल कर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं.

यही वजह है कि किसान खेतों से निकल कर सड़कों पर उतर खेती को उद्योग की तरह सहूलियतें देने की मांग भी करने लगे हैं, क्योंकि किसान के लिए खेत में अनाज, सब्जियां, फल, फूल, औषधियां उगाना आसान है लेकिन उस की कीमत तय होने से ले कर मार्केटिंग तक के लिए सरकार और बिचौलियों के भरोसे पर निर्भर रहना पड़ता है. यही वजह है कि किसान अकसर खेती में घाटा सहने के लिए मजबूर हो जाते हैं.

किसानों की इन्हीं समस्याओं को देख कर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर के पादरी बाजार के रहने वाले अविनाश कुमार ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे की नौकरी छोड़ कर औषधीय खेती की राह पकड़ी तो फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. इस के चलते उन्होंने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के हजारों किसानों की आमदनी में इजाफा करने में भी कामयाबी पाई है.

ऐसे बढ़ा रुझान 

अविनाश कुमार ने पुलिस की नौकरी के दौरान कई बार गांवों में जाने पर यह देखा कि किसान पारंपरिक खेती के चलते और उत्पाद का सही दाम न मिलने के चलते गरीबी, तंगहाली से अकसर जूझते रहते हैं. ऐसे में खेती में घाटे और कर्ज के दबाव के चलते वे खुदकुशी करने जैसा कदम उठाने से भी नहीं हिचकते हैं.

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