स्वास्थ्य की दृष्टि से कई विकारों को दूर करने के लिए जामुन के फल, छाल, पत्तियों और बीजों का उपयोग जड़ीबूटी के रूप में किया जाता है. जामुन में लगभग वे सभी जरूरी लवण पाए जाते हैं, जिन की शरीर को जरूरत होती है.
जामुन का फल 70 प्रतिशत खाने के योग्य होता है. इस में ग्लूकोज और फ्रक्टोज 2 मुख्य स्रोत होते हैं. फल में खनिजों की संख्या अधिक होती है. दूसरे फलों की तुलना में यह कम कैलोरी प्रदान करता है.
एक मध्यम आकार का जामुन 3-4 कैलोरी देता है. इस फल के बीज में काबोहाइड्रेट, प्रोटीन और कैल्शियम की अधिकता होती है. यह लोहा का बड़ा स्रोत है. प्रति 100 ग्राम में 1.0 मिलीग्राम से 1.2 मिलीग्राम आयरन होता है. इस में विटामिन बी, कैरोटिन, मैग्नीशियम और फाइबर होते हैं.
जामुन में पाए जाने वाले पोषक तत्त्व
केलौरी (ऊर्जा) : 62 किलो
लोहा : 1.2 मिलीग्राम
कैल्शियम : 15 मिलीग्राम
फास्फोरस : 15 मिलीग्राम
विटामिन सी :18 मिलीग्राम
कैरोटीन : 48 मिलीग्राम
पोटैशियम : 55 मिलीग्राम
मैग्नीशियम : 35 मिलीग्राम
सोडियम :25 मिलीग्राम
(औसतन 100 ग्राम)
जामुन के विभिन्न उत्पाद बना कर किस तरह रोगों से छुटकारा पा सकते हैं.
आइए, जानते हैं जामुन के पौष्टिक मूल्यवर्धित उत्पाद :
जामुन का स्क्वैश
सामग्री : जामुन का रस 1 लिटर, साइट्रिक एसिड 20 ग्राम, पोटैशियम मेटाबाइसल्फाइट 1 ग्राम, चीनी 1 किलोग्राम, पानी 200 मिलीलिटर.
बनाने की विधि : काले रंग वाली जामुन को धो कर हाथ से उन की गुठली निकाल दें. गूदे को थोड़े समय के लिए गरम पानी में डाल कर कपड़े में बांध कर रस निकाल लें.
चीनी को पानी में मिला कर उबलने के लिए स्टेनलैस स्टील के बरतन में रख कर आग में पकाएं, फिर साइट्रिक एसिड डालें. जब चीनी का मैल ऊपर तैरने लगे, तब उस को छलनी या कपड़े से बांध कर अलग कर दें.