जमीन से अच्छी पैदावार लेने के लिए किसान आज अनेक उम्दा बीज और खाद के साथसाथ अपनी मेहनत में कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन इस के बाद भी कई बार किसानों को वह नतीजा नहीं मिल पाता जिस की उन्हें उम्मीद थी. कभीकभी तो फसल की लागत भी नहीं निकल पाती.

अच्छे खादबीज के साथसाथ ऐसी अनेक बातें भी हैं जिन का ध्यान किसानों को रखना जरूरी है तभी फसल से सही पैदावार मिलेगी.

हमारे देश में अलगअलग इलाकों में अलगअलग जलवायु परिवर्तन होता है. हमें उसी के अनुसार अपने काम को अंजाम देना होगा. कहीं बरसात अधिक है तो कहीं कम. कहीं गरमीसर्दी अधिक है तो कहीं कम. इस के अलावा अनेक किसानों के पास खेती के पूरे संसाधन भी नहीं हैं जिन के इस्तेमाल से वह पार पा सके.

जिन किसानों के पास खेत में पानी देने के लिए सही साधन नहीं हैं तो वे कम पानी वाली और कम समय में तैयार होने वाली फसलें बोएं या बरसात पर आधारित फसलें बोएं. खेत की मेंड़बंदी अच्छी तरह से करें जिस से बरसात के पानी का सही इस्तेमाल हो सके.

संभव हो तो खेत में हर साल सड़ी गोबर की खाद जरूर डालें. जरूरत होने पर ही रासायनिक खाद या रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल करें. देशी खाद से हमारे खेत की पैदावार बढ़ती है और खेत की मिट्टी को कम पानी की जरूरत होती है.

इस के अलावा हरी खाद खेत के लिए बहुत ही फायदेमंद है. हरी खाद तैयार करने वाली फसलें जैसे ढैंचा, ग्वार वगैरह को खेत में उगाएं और 40-45 दिन की फसल होने पर उसे खेत में जोत कर मिला दें और पानी भर दें जिस से वह सड़गल कर खाद बन जाएगी.

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