आलू देश की खास पैदावार है, लेकिन जिस दौरान आलू क फसल तैयार होती है, तब उस की कीमत काफी कम रहती है, जिस से किसानों को अकसर आलू की खेती में नुकसान उठाना पड़ता है.

ऐसे में यदि आलू के पापड़ बनाएं ता यह मुनाफे का सौदा होगा. पैदावार के समय ही आलू खरीद कर उन के पापड़ बनाए जा सकते हैं. इसे गृह उद्योग की तरह चलाया जा सकता है. ऐसे में आलू के पापड़ किसानों को अच्छा मुनाफा दे सकते हैं. पापड़ बनाने के लिए आजकल बड़ी मशीनें आने लगी हैं. शुरुआत में तो बड़ी मशीनों के बिना भी पापड़ तैयार हो सकते हैं. यह व्यवसाय ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार का साधन बन सकता है. सूखे पापड़ सही तरह से पैक कर के लंबे समय तक रखें जा सकते हैं.

देश में होली के मौके पर पापड़ों की अच्छी बिक्री होती है. पापड़ का इस्तेमाल चाय के साथ नमकीन के रूप में भी होता है. पापड़ बना कर बेचना किसानों के लिए रोजगार का अच्छा साधन है. इस से आलू किसानों को अपने आलू सड़क पर फेंकने पर मजबूर नहीं होना पड़ेगा.

पापड़ का सही रखरखाव और उसे बेचना ही सब से मुख्य काम है. कानपुर की नलिनी शर्मा कहती हैं, ‘आलू के पापड़ बनाना काफी सरल है. ये जल्दी खराब नहीं होते. इन्हें सफाई से सुखाना चाहिए. इस के बाद सब से अहम है इन की पैकिंग.

आलू के पापड़ बनाने की विधि

सामग्री : आलू बड़े 1 किलोग्राम, नमक स्वादानुसार, लालमिर्च आधा छोटा चम्मच, तेल 2 बड़े चम्मच.

विधि : पापड़ बनाने के लिए आलुओं को धो कर कुकर में डालें और 2 कप पानी डाल कर उबालने के लिए रखें. 1 सीटी आने के बाद धीमी आंच पर 3-4 मिनट उबलने दें. फिर कुकर को आंच से उतार लें. ठंउे होने पर आलुओं को छीलें और एकदम बारीक कद्दूकस कर लें. इस में नमक व लालमिर्च डालें और आटे की तरह गूंधें.

हाथ पर तेल लगा कर आलू की पिट्ठी का थोड़ा हिस्सा लें और एक ही आकार के गोले बनाएं. 1 किलोग्राम आलू से 20-22 गोले बन जाते हैं. आलू के पापउ़ बेलने और सुखाने के लिए बड़ी और थोड़ी सी मोटी पारदर्शक पौलीथिन शीट की जरूरत होती है. इस शीट को धूप में फर्श पर एक चादर बिछा कर उस के ऊपर बिछा दें. शीट को रोअी बनाने वाले चकले पर इस तरह रखें कि आधा भाग चकले पर हो और आधा चकले के बाहर.

पहली बार पौलीथिन शीट के ऊपर थोड़ा तेल लगा लें. आलू का एक गोला उठाएं. दोनों ओर थोड़ा सा तेल लगा दें. चकले के ऊपर रखी पौलीथिन शीट के ऊपर आलू के गोले को रखें और शीट के दूसरे हिस्से से ढक कर हथेली से पौलीथिन शीट को आलू के गोले के ऊपर से दबा कर चपटा कर दें. शीट को घुमाते हुए बेलन से आलू के गोले को बेलिए पापड़ को चपाती के जितना पतला बेलिए. ऊंगली से भी पापड़ को गोल आकार दिया जा सकता है.

तैयार पापड़ के ऊपर से पौलीथिन शीट हटाएं. पापड़ लगी पौलीथिन शीट का, पापड़ की तरफ से बड़ी पौलीथिन शीट पर रखें. पापड़ लगी पौलीथिन शीट को हाथ से हलका दबा कर पापड़ को और अच्छी तरह चिपका दें. पापड़ की दूसरी शीट हाथ से पकड़ कर खींच लें. पापड़ बड़ी पौलीथिन शीट पर चिपक जाता है. सारे पापड़ एकएक कर के इसी तरह बड़ी पौलीथिन शीट पर डाल दें और धूप में सुखाने के लिए रखें दें. 3-4 घंटे बाद जब पापड़ हलके से गीले रहें, तब उन्हें पलट दें. पापड़ पूरी तरह सूखने पर इकट्ठे कर लें.

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