सबौर: बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में सेंटर औफ़ एकसीलेन्स मिलेट्स वैल्यू चैन परियोजना के अंतर्गत बिहार राज्य में पोषक अनाज की मार्केटिंग और ब्राडंगि (Branding) रणनीतियों पर ब्रेनस्ट्रोमिंग सेशन का आयोजन 6 दिशम्बर 2024 को किया गया. इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में बि० ए० यु० के निदेशक अनुसंधान, डा. श्रीनिवास राय, प्राचार्य बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, प्रधान अन्वेषक डा.महेश कुमार सिंह, उप अन्वेषक डा. बीरेंद्र सिंह, एवं डा. धर्मेंदर वर्मा, मौजूद थे. डा. नेहा पाण्डेय सहायक प्रध्यापक सह कैनिय वैज्ञानिक प्रसार शिक्षा, बि० ए० सी० सबौर ने कार्यक्रम का संचालन किया.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे निदेशक अनुसंधान बि० ए० यु० सबौर डा.ए.के.सिंह का मानना है कि पोषक अनाज का उत्पादन कम उपजाऊ, असंचित क्षेत्र एवं बदलते जलवायु में असानी से किया जा रहा है, साथ ही विभिन्न बिमारीयों जैसे मोटापा, चीनी रोग, हृदय रोग, हड्डी रोग एवं बेहतर स्वास्थ के लिए इन को भोजन में शामिल करना आज की जरूरत हो गई है, जिस से श्री अन्न ब्रांडिग एवं मार्केटिंग से किसानों की आय और बढ़ेगी. डा. श्रीनिवास राय, प्राचार्य बिहार कृषि महाविद्यालय सबौर, ने किसानो को भरोसा दिलाया की पोषक अनाज उत्पादन विपणन एवं ब्रांडिंग में विश्वद्यिालय, किसान भाईयों एवं उद्धमियों को पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी.
इस एक दिवसीय कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा. रफी, वैज्ञानिक भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान हैदराबाद ने पोषक अनाज के बाजार संर्पक स्थापित करने के बारे में विस्तार से चर्चा की. वहीँ दुसरे मुख्य वक्ता डा. रामदत्त सहायक प्रध्यापक, डा. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर ने पोषक अनाज को विकसित करने के बारे मे चर्चा की. कार्यक्रम के तीसरे मुख्य डा. सुधानन्द प्रसाद लाल ने पोषक अनाज के मुल्य श्रृंखला सुदृड करने के लिए विस्तार से चर्चा की एवं बिहार और भारत सरकार की मुख्य योजानओं के बारे में जानकारी दी. प्रधान अन्वेषक डा. महेश कुमार सिंह, ने पोषक अनाज का मानव स्वास्थ में महत्त्व एवं उत्पादन तकनीक पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम के अंत में डा. नेहा पाण्डेय ने किसानों को पोषक अनाज से उद्यमी बनाने और उन की आय बढ़ाने के लिए व्यापार की योजना पर विस्तार से चर्चा करी.