नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण व वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने और 50 अरब डालर से अधिक के कृषि संबंधी उत्पादों के निर्यात को सक्षम बनाने के लिए कृषि उत्पादों के उत्पादन एवं गुणवत्ता में बढ़ोतरी होने पर प्रसन्नता व्यक्त की.

मंत्री पीयूष गोयल ने सहकारी प्रमुख भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) के सहयोग से वैश्विक दलहन परिसंघ द्वारा आयोजित ‘नेफेड: पल्स 2024 सम्मेलन’ में अपने संबोधन के दौरान यह बात कही. इस कार्यक्रम का आयोजन सहकारी क्षेत्र के प्रमुख राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) के सहयोग से किया गया.

मंत्री पीयूष गोयल ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने और देश को खाद्यान्न, दलहन, मसूर, सब्जियों व फलों के एक बड़े उत्पादक राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में उन के योगदान के लिए भारत के किसानों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इस से विभिन्न खाद्य उत्पादों के उत्पादन एवं गुणवत्ता दोनों में विस्तार हुआ है, जिस से भारत 50 अरब डालर से अधिक के कृषि और संबंधित उत्पादों का निर्यातक बन गया है.

उन्होंने कहा कि पिछले दशक में किसानों की प्रतिबद्धता व क्षमताओं के कारण दालों का उत्पादन साल 2014 में 171 लाख टन से 60 फीसदी बढ़ कर साल 2024 में 270 लाख टन हो गया है. दालों को न केवल भारत का, बल्कि दुनिया का एक प्रमुख आहार बनाने के लिए राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) और वैश्विक दलहन परिसंघ के बीच साझेदारी बढ़ती रहेगी.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आगे कहा कि सरकार ने देश के किसानों का सहयोग करने और भारतीय नागरिकों के लिए उचित मूल्य वाली दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के मकसद से भारत दाल की शुरुआत की है. ‘भारत‘ ब्रांड के तहत खुदरा बिक्री के लिए सरकार द्वारा खरीदी गई चना दाल ने बाजार में उतरने के 4 महीनों में ही दलहन के क्षेत्र में 25 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर ली है.

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