बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कई गांवों में हजारों किसान सब्जियों की खेती करते हैं, जिस को वे स्थानीय मार्केट के अलावा पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ वगैरह राज्यों की मंडियों में भी भेजते हैं, लेकिन कई बार सब्जियों का अधिक उत्पादन और बाजार में रेट गिरने से किसानों को नुकसान होने का डर सताता रहता है. ऐसे में स्थानीय लैवल पर कोल्ड स्टोर की सुविधा न होने से किसान खराब होने वाली तैयार सब्जियों को लंबे समय तक रोक कर भी नहीं रख सकते हैं.
मुजफ्फरपुर के बंदरा प्रखंड का एक गांव है सुंदरपुर रतवारा, जहां के छोटे व मझोले किसान ‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ के मार्गदर्शन में सब्जियों और दूसरी फसलों की खेती करते हैं.
जब एकेआरएसपीआई को किसानों की इस समस्या की जानकारी हुई, तो संस्था ने उन की खराब होने वाली सब्जियों के भंडारण का स्थानीय लैवल पर समाधान निकाला. यहां तक कि इस पर आने वाला बिजली का खर्च लगभग शून्य है.
किसानों के समूह ने शुरू किया सोलर कोल्ड स्टोर
‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ ने सब से पहले सुंदरपुर रतवारा गांव में सब्जी की खेती करने वाले छोटे और मझोले किसानों को एकजुट किया. ये वे किसान हैं, जो आर्गेनिक आधार पर मौसमी सब्जियों की खेती करते हैं.
इन किसानों के साथ बैठक में यह तय किया गया कि सब्जियों की खेती करने वाले किसान अगर सामूहिक रूप से एकजुट हो कर कुछ अंशदान करें, तो गांव में ही बिना बिजली के चलने वाले कोल्ड स्टोर की स्थापना की जा सकती है. किसानों ने सामूहिक रूप से अपने गांव में सोलर कोल्ड स्टोर लगाए जाने की पहल शुरू कर दी.
जौन डियर इंडिया के सहयोग से सपना हुआ साकार
‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ ने जौन डियर इंडिया के सहयोग से गांव में हरियाली शीतभंडार के नाम से किसानों का एक समूह बनाया. इस समूह में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई. इस के बाद गांव में 400 वर्गफुट में सोलर कोल्ड स्टोर लगाया गया. इस की कुल लागत तकरीबन 13 लाख, 59 हजार, 320 रुपए आई. इस लागत में समूह का भी अंशदान तकरीबन एक लाख, 20 हजार रुपए है.
ऐसे काम करता है सोलर कोल्ड स्टोर
‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ बिहार के कृषि प्रबंधक डा. बसंत कुमार ने बताया कि इस कोल्ड स्टोर को कंटेनर से बनाया गया है. इस पर 316 वाट के 16 सोलर प्लेट लगाए गए हैं. इस तरह सोलर प्लेटों की कुल क्षमता 5056 वाट है. इस के अलावा सोलर पावर को स्टोर करने के लिए क्षमता की 150 एमएच की 16 बैटरियां लगाई गई हैं, जो कुल मिला कर 2400 क्षमता की हैं. 6 केवीए और 3 फेज क्षमता का एक इनवर्टर लगाया गया है, जो कोल्ड स्टोर को 24 घंटे ठंडा रखता है.
इस कोल्ड स्टोर में रात में भी बिजली की जरूरत नहीं पड़ती है. इस में किसानों की सब्जियां 8 से 10 दिनों तक भंडारित कर के रखी जा सकती हैं.
किसानों की आय में हुआ इजाफा
‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ के बिहार राज्य के रीजनल मैनेजर सुनील कुमार पांडेय ने बताया कि सुंदरपुर रतवारा गांव में लगाया गया सोलर आधारित कोल्ड स्टोर किसानों की सब्जियों को खराब होने से बचाने में काफी मददगार साबित हुआ है, जिस से किसानों की आय में काफी इजाफा हुआ है.
‘आगा खान ग्राम समर्थन कार्यक्रम भारत’ के चीफ औपरेटिंग औफिसर नवीन पाटीदार का कहना है कि एकेआरएसपीआई बिहार के मुजफ्फरपुर में जौन डियर इंडिया के सहयोग से छोटे और म?ाले किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें तकनीकी जानकारी, जरूरी प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है, जिस से किसान खेती के प्रति काफी जागरूक हुए हैं. इस से किसानों का पलायन दूसरे राज्यों की तरफ काफी कम हुआ है.
रखरखाव के लिए मामूली शुल्क
हरियाली शीत भंडार की कोषाध्यक्ष बीना कुमारी ने बताया कि किसानों की सब्जियों के भंडारण के लिए एक रुपए प्रति किलोग्राम मामूली शुल्क निर्धारित है, जो समूह के खाते में जमा होता है. इस शुल्क से शीतगृह में आने वाली तकनीकी खराबियों, बैटरियों इत्यादि के रिप्लेसमैंट में इस्तेमाल किया जाता है.