सोनी देवी पत्नी अशोक कुमार, ग्राम झिरूवा कमालपुर, विकास खंड ठेकमा, जनपद आजमगढ़, उत्तर प्रदेश की रहने वाली हैं. खेती के काम के लिए सोनी देवी के पास 1.75 हेक्टेयर जमीन है.
संयुक्त परिवार होने के कारण इतनी कम जमीन से परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था. सोनी देवी, जो परास्नातक थीं, अपने पति के साथ अकसर बैठ कर यह विचार करती थीं कि उन्हें भी पति के साथ मिल कर आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में कुछ काम करना चाहिए.
सोनी देवी साल 2016 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह ‘सखी’ के रूप में जुड़ गईं. उन दिनों गांव के आसपास कुछ लोग बटन मशरूम की खेती कर रहे थे. सोनी देवी का भी मन था कि वे भी मशरूम की खेती करें.
साल 2018 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा आयोजित एक प्रशिक्षण कार्यक्रम में सोनी देवी की मुलाकात कृषि विज्ञान केंद्र, कोटवा, आजमगढ़ के वैज्ञानिकों से हुई.
सोनी देवी ने संबंधित वैज्ञानिक से बटन मशरूम की खेती पर विस्तृत प्रशिक्षण देने के लिए अनुरोध किया था.
कई महिलाओं द्वारा मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण लेने के लिए इच्छा प्रकट करने पर और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के पदाधिकारियों के अनुरोध पर कृषि विज्ञान केंद्र, कोटवा, आजमगढ़ द्वारा मशरूम उत्पादन पर 4 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया, जिस में सोनी देवी भी प्रतिभागी थीं.
प्रशिक्षण लेने के बाद सोनी देवी ने अपने पति के सहयोग से 22×50 वर्गफुट क्षेत्रफल के 5 छप्परों का निर्माण कराया.
सोनी देवी बताती हैं कि एक छप्पर के निर्माण में कुल लागत तकरीबन एक लाख, 20 हजार रुपए आई और उस से तकरीबन 30 से 35 क्विंटल बटन मशरूम प्राप्त हुआ.
सोनी देवी द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि कुल 5 छप्परों में मशरूम उत्पादन पर उपरोक्त विवरण के अनुसार व्यय की गणना करें तो 5 लाख रुपए से ले कर 6 लाख रुपए के आसपास खर्च आता है और यदि 22×50 वर्गफुट आकार के एक छप्पर से 30 क्विंटल का उत्पादन रखें, तो 5 छप्परों से 150 क्विंटल मशरूम प्राप्त हुआ.
यदि औसत 100 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बाजार भाव रखें, तो कुल 15 लाख रुपए की सकल आमदनी प्राप्त हुई और इस में से 6 लाख रुपए खर्च निकालने पर 9 लाख रुपए की शुद्ध आय प्राप्त हुई.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में कलकरखाने न होने और कृषि जोत छोटी होने के कारण देश के दूसरे राज्यों में लोगों का पलायन बड़ी तेजी से होता है. सोनी देवी ने बटन मशरूम उत्पादन में कामयाबी हासिल कर के न केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों को कृषि उद्यमिता स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है, बल्कि महिलाओं के सशक्तीकरण व स्वावलंबन की राह भी मजबूत की है.
आसपास के विभिन्न जनपदों के इच्छुक बेरोजगार महिला और पुरुष सोनी देवी से मशरूम उत्पादन के गुर सीखने के लिए संपर्क करते रहते हैं.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली व नेफोर्ड, लखनऊ द्वारा सोनी देवी को उन के उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण वर्ष 2019 में ‘कृषक मित्र सम्मान’ से सम्मानित किया गया.