प्रोटीन के अलावा सोयाबीन में तकरीबन 18 फीसदी तेल होता है, लेकिन इस तेल में कोलैस्ट्रौल नहीं होता है और इस में 85 फीसदी अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो सेहत के लिए सही होते हैं. सोयाबीन के तेल में लीनो लिक और लीनो लेइक फैटी एसिड भी काफी मात्रा में होते हैं. ये दोनों ही अनसैचुरेटेड फैटी एसिड हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी होते हैं, क्योंकि ये हम में कोलैस्ट्रौल की मात्रा को कम करते हैं और इस में होने वाली दिल की बीमारियों को रोकते हैं.
सोयाबीन प्रोटीन को खाने का सब से बड़ा फायदा है कि यह एलडीएल कोलैस्ट्रौल को कम करती है. जिन लोगों के खून में कोलैस्ट्रौल बढ़ा हुआ होता है, उन के खाने में अगर 25 से 50 ग्राम तक सोयाबीन प्रोटीन मिला दें, तो शरीर में कोलैस्ट्रौल से होने वाले हानिकारक असर को दूर किया जा सकता है. सोयाबीन प्रोटीन को भोजन में मिलाने से भोजन का अमीनो एसिड संतुलन ठीक हो जाता है और उस का फायदा शरीर को मिलता है.
अगर हम सोयाबीन की तुलना दूसरी दलहनी फसलों जैसे मटर, मसूर और सिम से करें, तो देखेंगे कि सोयाबीन में कार्बोहाइड्रेट कम होता है. इस में डाइटरी फाइबर होते हैं जो कि पूरी तरह से पच नहीं पाते, लेकिन पाचन क्रिया को बढ़ाते हैं. सोयाबीन का फाइबर शरीर में होने वाले क्लोनल कैंसर को रोकता है. प्रतिदिन सोयाबीन खाने से शरीर की बहुत सी पाचन संबंधी बीमारियां रोकी जा सकती हैं. मधुमेह के रोगियों के लिए सोयाबीन बहुत ही उपयोगी होता है.
सोयाबीन में विटामिन ए, बी, डी, भी होते हैं. इस में प्रोटीन सी की भी मात्रा काफी अधिक होती है. अगर सोयाबीन को हम अंकुरित कर के खाएं, तो विटामिन सी की मात्रा और भी बढ़ जाती है और इस का काफी लाभ मिलता है.
अब देखा गया है कि ज्यादातर लोग अपनी डाइट में मल्टीग्रेन आटा ले रहे हैं. इस मल्टीग्रेन आटे में यदि सोयाबीन की मात्रा बढ़ा दी जाए, तो इस का फायदा और ज्यादा मिल सकता है.
यदि आप प्रोटीन से भरपूर शाकाहारी भोजन खाना चाहते हैं, तो आप सोयाबीन को अपना आहार बनाइए. निश्चित रूप से आप के शरीर की इम्यूनिटी में इजाफा होगा और रोगों से लड़ने में सहायता मिलेगी.
जैसा कि हम भी लोग जानते हैं कि इन दिनों कोरोना महामारी के चलते सब से अधिक जरूरत शरीर की इम्यूनिटी को बनाए रखना है, इसलिए जरूरी है कि अपने आहार में हम ऐसी दालों, सब्जियों व फलों को शामिल करें, जिस से हमारे शरीर की इम्यूनिटी बढ़ सके. इस में सोयाबीन एक बहुत अच्छा स्रोत हो सकता है.
जहां तक प्रोटीन की मांग व गुणों का सवाल है, वहां सोयाबीन एक ऐसा आहार है, जिस में संपूर्ण प्रोटीन होता है. सोयाबीन में 41 से 43 फीसदी तक प्रोटीन होता है, जो गुणों में मांस, अंडा और मछली के प्रोटीन के समान ही होता है.
सोयाबीन प्रोटीन में 8 अमीनो एसिड होते हैं, जो कि मनुष्यों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी हैं. मांस की प्रोटीन में कभीकभी वसा और यूरिक एसिड होते हैं व हानिकारक कीटाणु भी होते हैं, लेकिन सोयाबीन के प्रोटीन में इस तरह की कोई भी समस्या नहीं होती है.
सोयाबीन प्रोटीन की एक विशेषता यह भी होती है कि इस में लाइसिन नामक अनिवार्य अमीनो एसिड काफी मात्रा में होता है, जो दूसरे अनाजों में नहीं मिलता है.