नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने अरहर और उड़द का स्टाक रखने वाली संस्थाओं के लिए स्टाक सीमा को संशोधित किया है. जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, गोदाम में थोक विक्रेताओं और बड़ी तादाद में खुदरा विक्रेताओं के पास स्टाक सीमा को 200 मीट्रिक टन से घटा कर 50 मीट्रिक टन कर दिया गया है और चक्की के लिए स्टाक सीमा को पिछले 3 महीने के उत्पादन या वार्षिक क्षमता से 25 फीसदी की कटौती की गई है, जो भी पिछले एक महीने का उत्पादन या वार्षिक क्षमता का 10 फीसदी या जो भी अधिक हो.

स्टाक सीमा में संशोधन और समय अवधि का विस्तार जमाखोरी को रोकने और बाजार में पर्याप्त मात्रा में अरहर और उड़द की दालों की लगातार प्राप्ति और उपभोक्ताओं के लिए सस्ती कीमतों पर अरहर और उड़द दाल उपलब्ध कराने के लिए किया गया है.

नवीनतम आदेश के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 दिसंबर, 2023 तक अरहर और उड़द की दालों के लिए स्टाक सीमा निर्धारित की गई है. थोक विक्रेताओं के लिए प्रत्येक दाल पर व्यक्तिगत रूप से लागू स्टाक सीमा 50 मीट्रिक टन है, जबकि खुदरा विक्रेताओं के लिए 5 मीट्रिक टन. प्रत्येक खुदरा आउटलेट पर 5 मीट्रिक टन और खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो में 50 मीट्रिक टन. चक्की के लिए उत्पादन के अंतिम एक महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 10 फीसदी, जो भी ज्यादा हो. आयातकों के लिए, आयातकों को सीमा शुल्क निकासी के दिन से 30 दिनों से ज्यादा आयातित स्टाक नहीं रखना है.

संबंधित संस्थाओं को उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर स्टाक की स्थिति घोषित करनी पड़ेगी और अगर उन के पास स्टाक निर्धारित सीमा से अधिक पाया जाता है, तो वे अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के अंदर इसे निर्धारित स्टाक सीमा तक ले कर लाएंगे.

इस से पहले सरकार ने 2 जनवरी, 2023 को तुअर और उड़द की दालों के लिए स्टाक सीमा की अधिसूचना जारी की थी, जिस के माध्यम से जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को रोका जा सके और उपभोक्ताओं को इस का लाभ प्राप्त हो सके.

उपभोक्ता मामला विभाग स्टाक डिस्क्लोजर पोर्टल के माध्यम से अरहर और उड़द की दालों के स्टाक की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है, जिस की राज्य सरकार के साथ साप्ताहिक आधार पर समीक्षा की जा रही है.

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