जयपुर: पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा है कि राजस्थान राज्य की सहकारी डेयरियों में उत्पादित ‘सरस’ दूध ('Saras' Milk)  की गुणवत्ता ही इस की पहचान है और इस से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्रदेश में नवगठित सरकार की पहली प्राथमिकता राज्यभर की सहकारी डेयरियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों का सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान है और इस के लिए नई कल्याणकारी योजनाएं अमल में लाई जाएंगी. ग्रास रूट लेवल तक दुग्ध उत्पादकों को सहकारी डेयरियों से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे और अधिक से अधिक संख्या में नई प्राथमिक दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों का गठन किया जाएगा.

उन्होंने आगे यह भी कहा कि ‘सरस’ ब्रांड को न केवल राजस्थान, बल्कि पड़ोसी राज्यों में भी लोकप्रिय बनाने के लिए संयुक्त प्रयास किए जाने चाहिए.

मंत्री जोराराम कुमावत सरस संकुल मुख्यालय में राज्यभर की सहकारी डेयरियों के निर्वाचित अध्यक्षों के साथ आयोजित परिचर्चा में डेयरी अधिकारियों और निर्वाचित अध्यक्षों को संबोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दूध और ‘सरस’ ब्रांड के पशु आहार में किसी तरह की कोई मिलावट बरदाश्त नहीं की जाएगी.

इस के लिए एक राज्यस्तरीय टास्क फोर्स का गठन कर मिलावटखोरी को रोकने के लिए एक अभियान चलाया जाना चाहिए. प्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की सामाजिक सुरक्षा और उन के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी. वर्तमान में चल रही सुरक्षा योजनाओं को भी प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा.

पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि जिला दुग्ध संघों के निर्वाचित पदाधिकारी और डेयरी अधिकारियों में बेहतर समन्वय स्थापित किए जाने के प्रयास होने चाहिए, ताकि इस का लाभ आम दुग्ध उत्पादकों को मिल सके.

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