उदयपुर : एमपीयूएटी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. लोकेश गुप्ता ने बताया कि महाविद्यालय के द्वारा रोजगारपरक शिक्षण के साथसाथ दुग्ध एवं फूड प्रोसैसिंग और अभिनव दुग्ध एवं खाद्य उत्पाद के बारे में उद्यमियों, किसानों, बेरोजगारों एवं ग्रामीणों को समयसमय पर तकनीकी कौशल प्रदान किया जाता है.
उन्होंने बताया कि इसी क्रम में महाविद्यालय द्वारा ‘बकरी दुग्ध उत्पादन एवं उत्पाद प्रोसैसिंग’ पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों, बेरोजगारों एवं गांव के लोगों का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के द्वारा स्वकौशल विकसित करना है. साथ ही, उद्यमिता विकास के लिए संपूर्ण तकनीकी सहायता प्रदान करना है.
कौशल विकास कार्यक्रम समन्वयक डा. निकिता वधावन ने बताया कि महाविद्यालय द्वारा भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रायोजित उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम वर्षपर्यंत आयोजित किए गए हैं. इन कार्यक्रमों में प्रतिभागियों ने भारी तादाद में उत्साहपूर्वक भाग लिया था.
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के लिए यह गौरव का विषय है कि उन प्रतिभागियों में से कई अब उद्यमी में रूपांतरित हो गए हैं.
डा. निकिता वधावन का कहना था कि उन उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम के प्रतिभागियों का इस तरह से उद्यमियों में रूपांतरण सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय एवं महाविद्यालय के साझा उद्देश्य का सफल क्रियान्वयन है. महाविद्यालय में अभी ‘बकरी दुग्ध उत्पादन एवं उत्पाद प्रसंस्करण’ पर उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम के पहले दिन से ही प्रतिभागियों को सैद्धांतिक जानकारी के साथसाथ प्रायोगिक जानकारी दी गई. इस के लिए महाविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न विशेषज्ञों को आमंत्रित कर प्रतिभागियों को विशिष्ट मार्गदर्शन प्रदान किया.
गौरतलब है कि इस कौशल विकास कार्यक्रम के प्रतिभागी ग्रामीण बकरी दुग्ध उत्पादक हैं और वो यहां कौशल विकास एवं ज्ञान उन्नयन के साथसाथ आने वाली समस्याओं के निस्तारण के लिए विषय विशेषज्ञों से जानकारी लेने के उद्देश्य से आए थे. प्रतिभागियों को बकरी दुग्ध उत्पादन एवं संरक्षण की प्रचलित विधियों के साथ आधुनिक विधियों का दृश्य श्रृव्य माध्यम से विश्लेषणात्मक अध्ययन कराया गया और दोनों विधियों के फायदे एवं नुकसान बताए गए. बकरी दुग्ध ग्रामीण स्तर का प्रचलित एवं प्रसिद्ध उत्पाद है एवं पौष्टिकता से भरपूर बकरी दुग्ध में अपार व्यावसायिक संभावनाएं हैं.
इस कार्यक्रम में बकरी दुग्ध एवं उस से बनने वाले उत्पादों की व्यावसायिक संभावनाओं को सरलीकृत तरीके से समझाया जा रहा है, ताकि बकरीपालक व्यावसायिक उपक्रम आरंभ कर सकें. इस कौशल विकास कार्यक्रम में बकरी दुग्ध से पनीर भी विकसित किया गया, जिस पर महाविद्यालय में काफी समय से अनुसंधान चल रहा था.
एमपीयूएटी के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने कहा कि भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय ने डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के अति उत्कृष्ट संसाधन और तकनीकी कौशल पर विश्वास जताते हुए महाविद्यालय को एक बहुत ही बड़ी जिम्मेदारी प्रदान की है.
यह विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है. महाविद्यालय ने भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रायोजित 7 दिवसीय उद्यमिता कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित किया था. उस कौशल विकास कार्यक्रम की सफलता से प्रभावित हो कर भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मंझले उद्यम मंत्रालय ने महाविद्यालय को इस तरह के और भी कौशल विकास कार्यक्रम आयोजित करने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी प्रदान की है. इस कार्यक्रम में बकरीपालकों का कौशल उन्नयन किया जा रहा है, जो निश्चित रूप से उन के जीवनस्तर को बढ़ाएगा. साथ ही, पौष्टिकता से भरपूर बकरी दुग्ध के उत्पादों को बड़े पैमाने पर पहचान दिलाएगा.