बड़वानी: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से लाभान्वित बड़वानी जिले की राजपुर तहसील के ग्राम पंचायत ओझर निवासी तुषार वालके, पिता महेश वालके ने ओझर में विराह मत्स्यपालन केंद्र नाम से मत्स्यपालन इकाई संचालित की है. इस योजना के तहत तुषार ने 50 लाख रुपए की राशि पर 30 लाख रुपए अनुदान राशि प्राप्त की.

उन्होंने बताया कि एक साल पहले साल 2023-24 में स्वरोजगार के रूप में मत्स्यपालन केंद्र को स्थापित किया था. वे शिक्षित मत्स्य किसान हैं, वे कुछ अलग करना चाहते थे, उन की इसी चाह ने उन्हे मत्स्यपालन केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया.

उन्होंने आगे बताया कि उन के मत्स्यपालन केंद्र पर कुल 8 टैंक हैं, जिन में प्रति टैंक 3,000 फिंगर साइज पंगेसियस मछली के बीज का संचयन किया जाता है. 7 माह की अवधि पूरी होने पर मछलियां उत्पादन के लिए तैयार हो जाती हैं, जिन्हें स्थानीय मछली व्यापारी केंद्र पर आ कर थोक में विक्रय कर के ले जाते हैं. इस का थोक भाव 100 से 150 रुपए प्रति किलोग्राम मिल जाता है. इस में सालाना मत्स्य उत्पादन लगभग 24 मीट्रिक टन हो जाता है. इस से कुल सालाना आय 30 लाख रुपए है और लगभग 22 लाख सालाना खर्च घटाने के बाद शुद्ध वार्षिक लाभ 14 लाख रुपए प्राप्त होता है. इस स्वरोजगार के द्वारा 4 अन्य लोगों को भी आय का माध्यम प्रदान किया है.

सहायक संचालक मत्स्योद्योग जिला बड़वानी एनपी रैकवार ने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिस का उद्देश्य मछुआरों के साथ मत्स्यपालन क्षेत्र का समग्र विकास करना है. पीएमएमएसवाई को मछली उत्पादन, उत्पादकता और गुणवत्ता से ले कर प्रौद्योगिकी, कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे और विपणन तक मत्स्यपालन मूल्य श्रंखला में महत्वपूर्ण अंतराल को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस के माध्यम से एक मजबूत मत्स्य प्रबंधन ढाचा स्थापित कर मछली किसानों के सामाजिक व आर्थिक कल्याण को सुनिश्चित करना है.

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