हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और इन्वेस्ट इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में एग्रीबिजनैस इंक्यूबेशन सैंटर (एबिक) में ‘कृषि एवं खाद्य प्रणाली में समावेशी व्यवसाय’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया.

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने इस कार्यशाला की अध्यक्षता की. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र की एशिया और प्रशांत क्षेत्रीय आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (यूएनओ) के योजना अधिकारी इग्रनोसियो ब्लैंकों, आर्थिक मामलों के अधिकारी मार्ता पेरेज व परियोजना अधिकारी इशराक फजल मौजूद रहे. इस के अलावा हरियाणा सरकार में विदेशी सहकारिता विभाग के सलाहाकर पवन चौधरी, हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत एवं हरियाणा सरकार में इन्वेस्ट इंडिया एंजेसी के सीनियर असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट शिवम भी उपस्थित रहे.

कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने अपने संबोधन में समावेशी व्यवसाय विषय पर काम कर रहे उद्यमियों व किसानों के लिए विश्वविद्यालय की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी.

उन्होंने आगे कहा कि एबिक सैंटर न केवल चयनित स्टार्टअप्स को तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है, बल्कि जरूरत के अनुसार उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान करता है. एबिक युवा व किसानों को उन के उत्पाद की प्रोसैसिंग, मूल्य संवर्धन, पैकेजिंग, सर्विसिंग व ब्रांडिंग जैसे महत्वपूर्ण कामों के लिए सहायता प्रदान करता है, ताकि वे अपने व्यवसाय को उच्च स्तर पर स्थापित कर सकें.

Food Processingउन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय हर जिले में स्थापित कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से ग्रामीण व शहरी महिलाओं, युवाओं व प्रदेश के किसानों को स्वावलंबी, समृद्ध और आर्थिक रूप से संपन्न बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है. साथ ही, उन्होंने कहा कि एचएयू प्रदेश के 6 लाख किसानों से सीधेतौर पर जुड़ा हुआ है.

हरियाणा एवं तेलंगाना को समावेशी व्यापार से जोड़ा जाएगा

संयुक्त राष्ट्र की एशिया और प्रशांत क्षेत्रीय आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (यूएनओ) के आर्थिक मामलों के अधिकारी मार्ता पेरेज ने बताया कि यह संगठन हरियाणा व तेलगांना में हकृवि और इन्वेस्ट इंडिया के संयुक्त सहयोग से कृषि एवं खाद्य प्रणाली में समावेशी व्यवसाय विषय पर किसानों के हित और आमदनी बढ़ाने के लिए योजनाएं तैयार करेगा. इस योजना के तहत उपरोक्त दोनों प्रदेशों के किसानों के संसाधनों का खर्चा कम करने व उन को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने और उद्यमियों को समृद्ध बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे.

हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत ने कहा कि हकृवि द्वारा तैयार उन्नत फसल किस्मों के माध्यम से किसान लगातार पैदावार बढ़ा रहा है. साथ ही, हैफेड किसानों के बासमती चावल के निर्यात करने में हर संभव प्रयास कर रहा है.

हरियाणा सरकार के विदेशी सहकारिता विभाग के सलाहाकर पवन चौधरी ने कहा कि हरियाणा प्रदेश पूरे भारत में उद्यमियों को समस्त सुविधाएं मुहैया करवाने में अव्वल है.

उन्होंने पीएम कुसुम योजना, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, परिवार पहचानपत्र, किसान उत्पादक संगठन जैसी स्कीमों के बारे में संयुक्त राष्ट्र से आई टीम के सदस्यों को अवगत कराया. साथ ही, उन्होंने हरियाणा में स्थापित 4 फूड पार्क, 3,000 से ज्यादा फूड प्रोसैसिंग यूनिट, 5 कोल्ड चेन के कार्यों के बारे में भी जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश स्ट्राबेरी एवं दुग्ध उत्पादन में भी अव्वल है. हरियाणा का विदेशी सहकारिता विभाग प्रदेश के उद्यमियों के उत्पादों को निर्यात करने पर निरंतर काम कर रहा है.

इस अवसर पर कुलपति के ओएसडी एवं एबिक के डायरेक्टर डा. अतुल ढींगड़ा, प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर (आरकेवीवाई) डा. राजेश गेरा सहित इंटेलिकेप ग्रुप, एफपीओ, नाबार्ड व अन्य बैंकों के अधिकारी, एग्रोनेक्सट एवं एबिक सैंटर के सदस्य भी उपस्थित रहे.

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