आज दुनियाभर में खेतीबारी कृषि यंत्रों पर आधारित है. भारत भी इस से अछूता नहीं है. आज देश का हर छोटाबड़ा किसान अपनीअपनी जरूरत के अनुसार खेती में कृषि यंत्रों का इस्तेमाल करता है. कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से कम लागत व कम समय में अधिक खेती के काम किए जाते हैं, इसलिए हमारे लिए खेती में कृषि यंत्रों का उपयोग ज्यादा जरूरी हो गया है.
* कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से शारीरिक मेहनत, किसानों का समय और लागत में बचत होती है.
* कृषि यंत्रों द्वारा समयसमय पर खेती के काम किए जा सकते हैं.
* कृषि यंत्रों के द्वारा जैविक और रासायनिक निवेशों का कुशलतापूर्वक उपयोग कर फसल पैदावार को बढ़ाया जा सकता है. साथ ही, लागत भी कम की जा सकती है.
* कृषि यंत्रों के उपयोग से फसल की सघनता को बढ़ाने के साथसाथ फसल पैदावार में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जा सकती है.
कृषि यंत्रों से खेती को लाभ
* कृषि यंत्रों से बोआई करने पर 10 से 20 फीसदी तक बीज की बचत होती है.
* कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से 15 से 20 फीसदी खाद भी कम लगती है.
* मजदूरों की लागत घटती है और 20 से 30 फीसदी की मजदूरी लागत में कमी आती है.
* फसल सघनीकरण में तकरीबन 5 से 22 फीसदी तक का फायदा होता है.
* फसल उत्पादन 12 से 34 फीसदी तक बढ़ जाता है.
कुलमिला कर अगर किसान कृषि यंत्रों पर आधारित खेती करें, तो कम से कम 20 फीसदी तक अपनी आमदनी बढ़ा सकता है.
हैप्पी सीडर
हैप्पी सीडर यंत्र भी धान कटाई के बाद बिना खेत तैयार किए गेहूं बोआई का काम करता है. देरी से धान की कटाई करने के बाद भी इस यंत्र से समय पर गेहूं की बोआई हो जाती है, क्योंकि खेत तैयार करने का समय बचता है. यंत्र से बोआई करने पर खरपतवार भी कम पनपते हैं.
जीरो टिलेज सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल
यह यंत्र फसल कटाई के बाद बिना जुताई किए खेत में बीज बोने का काम करता है. सभी फसलों में तो नहीं, लेकिन धान की फसल की कटाई के बाद रबी सीजन के लिए गेहूं की सीधी बोआई करने का काम बहुत अच्छे से करता है.
इस से खेत की जुताई व खेत तैयार करने की लागत भी बचती है और समय की भी बचत होती है. धान की फसल कटने के बाद उस में नमी भी रहती है, जिस से रबी फसल का अंकुरण भी अच्छा होता है.
इस यंत्र से सामान्य फसलों की बोआई सामान्य सीड ड्रिल की तरह ही की जाती है. यह ट्रैक्टरचालित कृषि यंत्र है, जिस से खाद और बीज दोनों एकसाथ ही लग जाते हैं.
स्ट्रा रीपर यंत्र
यह यंत्र फसल अवशेष का भूसा बनाने का काम करता है. यह पर्यावरण हितैषी यंत्र है. आजकल कंबाइन हार्वेस्टर से गेहूं, धान जैसी फसलों की कटाई की जाती है, तो वह ऊपरी अनाज वाले हिस्से की तो कटाई कर लेते हैं, लेकिन उस के नीचे का तना, जो लगभग एक से डेढ़ फुट तक का होता है, वह फसल अवशेष के रूप में खेत में खड़े रह जाते हैं. इन्हें किसान आग लगा कर नष्ट करता है. इस से पर्यावरण को नुकसान होता है. खेत की मिट्टी खराब होती है, जमीन की पैदावार कूवत कम होती है. खेती में सहायक जीवजंतु मर जाते हैं, जिस से सिर्फ नुकसान ही होता है.
इसी नुकसान से हमें बचने के लिए स्ट्रा रीपर यंत्र द्वारा खेत में खड़े फसल अवशेष से भूसा बनाना चाहिए. गेहूं फसल अवशेष से अगर हम भूसा बनाते हैं, तो एक एकड़ में 8 से 10 क्विंटल भूसा मिलता है और केवल एक घंटे में एक एकड़ खेत की कटाई की जा सकती है.
भूसा स्टोर करने के लिए ट्रौली में भूसे को एकत्र किया जाता है, जो सालभर पशु चारे के काम में आता है. जिन के पास पशु नहीं हैं, अगर वह इस भूसे को इकट्ठा कर के औफ सीजन में बेचते हैं, तो फसल पैदावार जैसा अच्छा मुनाफा भी ले सकते हैं. बहुत से लोग तो भूसे का कारोबार कर के सालभर अच्छी कमाई भी करते हैं. यह रोजगार का भी अच्छा साधन बन सकता है.
अनेक कृषि यंत्र निर्माता इस स्ट्रा रीपर को बना रहे हैं, क्योंकि यह यंत्र आज भी किसानों की जरूरत है.
मल्टीक्रौप प्लांटर
जैसा कि नाम से पता चल रहा है, यह मल्टीक्रौप प्लांटर है. इस यंत्र से एक ही समय में एक से अधिक फसलों की बोआई की जा सकती है.
इसे ‘बहुफसली बोनी मशीन’ भी कहा जाता है. इस मशीन के द्वारा मक्का, मटर, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन, बाजरा, चना और कपास के बीज बोने का काम किया जाता है.
उपरोक्त बीजों की बोआई के लिए बीजों के बीच की दूरी और कतार से कतार की दूरी निश्चित रहती है. इस बहुफसली बोनी यंत्र को ट्रैक्टर द्वारा चलाया जाता है.
बेलर
फसल अवशेष प्रबंधन का यह खास यंत्र है. इस यंत्र द्वारा फसल की कटाई के बाद खेत में गेहूं, धान आदि के बचे हुए डंठल (फसल अवशेषों) को उपयोग में लाने के लिए उन का गट्ठर बनाने का काम करता है.
नई तकनीक वाले इस कृषि यंत्र को फसल अवशेष के बंडल बनाने वाला यंत्र भी कहा जाता है. इस मशीन के द्वारा बने फसल अवशेषों के बंडल, चीनी उद्योग, बायोमास बिजली उत्पादन, पेपर इंडस्ट्रीज, डेयरी फार्मिंग, प्राकृतिक खाद, वर्मी कंपोस्ट जैसे कामों में भी इस्तेमाल किया जाता है. इस के अच्छे दाम भी मिलते हैं. यह मशीनफसल अवशेषों को कम्प्रैस कर बंडल बनाती है, जिन्हें एक जगह से दूसरी जगह ले जाना भी आसान है.
रीपर कम बाइंडर
यह इंजन से जुड़ा हुआ कृषि यंत्र है, जो गेहूं, धान, जौ, जई जैसी फसलों की कटाई का काम करता है. साथ ही, उन का बंडल भी बनाता चलता है, इसलिए इस का नाम ‘रीपर कम बाइंडर’ है. कुछ सामान्य रीपर होते हैं, जो केवल कटाई का काम करते हैं.
आमतौर पर रीपर कम बाइंडर मशीन में 11 हौर्सपावर का इंजन लगा होता है. इस से एक घंटे में 1.25 लिटर डीजल की खपत होती है और घंटेभर में एक एकड़ खेत की कटाई कर बंडल बनाए जा सकते हैं.
बंडल बांधने के लिए इस में सन की रस्सी का इस्तेमाल किया जाता है. इस इंजन में रीपर की जगह ट्रौली भी जोड़ी जा सकती है, जिस में 6 क्विंटल तक का वजन ढोया जा सकता है.
इस यंत्र को चलाने के लिए केवल एक व्यक्ति की जरूरत होती है. इस के लिए यंत्र पर बैठने की जगह भी होती है.
एक दिन में तकरीबन 10 एकड़ में लगी फसल की कटाई व बंडल बनाने का काम इस यंत्र से किया जा सकता है. इस यंत्र से मजदूरों द्वारा 10 दिन की कटाई का काम एक दिन में ही पूरा किया जा सकता है.
स्पाइरल सीड ग्रेडर
यह यंत्र बिना ईंधन, बिना बिजली के चलने वाला कृषि यंत्र है. इस से गोल आकार वाले सभी बीजों की गे्रडिंग की जाती है. इस में सोयाबीन, अरहर, मसूर आदि शामिल हैं.
एक घंटे में 3 क्विंटल बीजों की ग्रेडिंग वाले इस यंत्र से बीज की सप्लाई भी हो जाती है. बीज की गुणवत्ता बढ़ जाती है. इस यंत्र का वजन मात्र 30 से 35 किलोग्राम तक ही होता है. इसलिए इस को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना आसान है.
सीड ट्रीटिंग ड्रम (बीज उपचार यंत्र)
बीजोपचार करने वाला यह यंत्र हाथ से चलाया जाता है. इस यंत्र से एक बार में 15 से 20 किलो बीज उपचारित किया जा सकता है. इस यंत्र से एक घंटे में तकरीबन एक क्विंटल बीज उपचारित किया जा सकता है.
यंत्र की बनावट इस तरह की होती है कि दवा व कल्चर बीज के चारों तरफ लग जाता है, जिस से सौ फीसदी बीजोपचार होता है.
बीजोपचार करने वाला यह यंत्र बंद ड्रम सा आकार लिए होता है, इसलिए बीज उपचार के समय किसान की सेहत पर रासायनिक दवाओं का बुरा असर भी नहीं होता. यह पूरी तरह से सुरक्षित बीजोपचार यंत्र है.
रिवर्सिबल प्लाऊ
रबी फसल की कटाई के बाद खासकर गेहूं फसल की कटाई के बाद खेतों की गहरी जुताई करना फायदेमंद होता है. ऐसा करने से खरपतवार और हानिकारक कीट आदि नष्ट हो जाते हैं.
रिवर्सिबल प्लाऊ यंत्र गहरी जुताई करने का खास यंत्र है. यह 12 इंच से 15 इंच की गहराई तक जुताई करता है. जुताई करते समय खेत में नाली नहीं बनती. गहरी जुताई के कारण जमीन में पानी सोखने की कूवत बढ़ती है. इस यंत्र को ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है.