खेत की जुताई अब आमतौर पर ट्रैक्टरचालित कृषि यंत्रों द्वारा ही की जाती है. कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से जुताई का काम कम समय में बेहतरी के साथ होता है. खासकर गरमी के समय खेत की जुताई कर के कुछ दिनों के लिए खाली छोड़ देना फसल उत्पादन के लिए अच्छी प्रक्रिया है.

एमबी प्लाऊ : यह एक टैक्टरचालित कृषि यंत्र है. इस के बार पौइंट प्लाऊ मिट्टी की सख्त सतह को तोड़ने में सक्षम बनाते हैं. इस का प्रयोग प्राथमिक जोत के आपरेशन के लिए किया जाता है. यह फसल अवशेषों को काट कर पूरी तरह से मिट्टी में दबा देता है. यह पूरी तरह से लोहे का बना होता है. इस में नीचे लगा फाल मिट्टी को काटता है और फाल से लगाई हुई लोहे की मुड़ी हुई प्लेट मिट्टी को पलटती है.

डिस्क प्लाऊ : इस में एक साधारण फ्रेम, डिस्क बीम असेंबली, रौकशाफ्ट, एक भारी स्प्रिंग फरों ह्वील और गेज ह्वील शामिल होते हैं. डिस्क के कोण 40 से 45 डिगरी तक वांछित कटाई की चौड़ाई के अनुसार और खुदाई के लिए 15 से 25 डिगरी तक व्यवस्थित किए जा सकते हैं. इस का प्रयोग बंजर भूमि और अप्रयुक्त भूमि में कृषि हेतु भूमि की प्रारंभिक कटाव प्रक्रिया के लिए खासतौर पर सख्त व शुष्क, बंजर, पथरीली और ऊबड़खाबड़ भूमि पर और जो भूमि कूड़ाकरकट वाली है, पर किया जाता है.

सबसौयलर : सालोंसाल खेत को कम गहरे तक जुताई करने से खेत के नीचे की जमीन कठोर हो जाती है, जिस के कारण जड़ें ज्यादा फैल नहीं पातीं और फसल की पैदावार में कमी आती है, इसलिए सबसौयलर द्वारा हमें 2 साल में खेत की गहरी जुताई करनी चाहिए. इस का प्रयोग मिट्टी की सख्त सतह को तोड़ने, मिट्टी को ढीला करने और मिट्टी में पानी पहुंचाने की व्यवस्था को उत्तम बनाने व अनप्रयुक्त पानी की निकासी के लिए किया जाता है.

कल्टीवेटर: यह एक अत्यंत बहुपयोगी उपकरण है, क्योंकि इसे ग्रीष्मकालीन जुताई के साथ ही द्वितीयक जुताई के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसे सीड्ररील के लिए रूपांतरित किया जा सकता है. यह कल्टीवेटर केवल सूखी स्थिति में इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि मिट्टी को पलटने के बजाय यह मिट्टी को चीरता है और खरपतवार को काट कर और नोच कर यह उन्हें सतह पर ला छोड़ता है. इस कल्टीवेटर का वहां इस्तेमाल किया जाता है, जहां फसल के अवशेषों को सतह पर ला कर छोड़ने की जरूरत होती है.

जुताई करते समय ध्यान रखने योग्य बातें

* खेत में 15 अप्रैल से 15 मई तक गहरी जुताई करें.

* कम से कम 20 से 30 सैंटीमीटर तक गहरा हल चलाएं.

* खेत में खरपतवार होने के हालात में 10 से 15 दिन के अंतराल में जुताई को दोहराएं.

* खेत में कीटपतंगे नष्ट करने के लिए सुबह 7 बजे से 11 बजे तक व शाम 4 बजे से 6 बजे तक जुताई करें.

* खेत में जुताई करने से पहले गोबर की खाद डालें.

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