बैटरी से चलने वाला कल्टीवेटर और प्लांटर  खेती से पैदावार बढ़ाने और खेती को आसान बनने के लिए अनेक तरह के आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग बढ़ता जा रहा है, जिस से फसल की लागत में कमी आती है और फसल पैदावार में इजाफा होता है. इस दिशा में अनेक कृषि विशेषज्ञ और कृषि संस्थान भी काम करते रहे हैं. अभी हाल के दिनों में छत्तीसगढ़ कृषि विश्वविद्यालय ने किसानों के लिए जुताई और बोआई के लिए पशुचलित बैटरी से चलने वाली कल्टीवेटर और प्लांटर मशीन बनाई हैं. इन दोनों कृषि यंत्रों को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लौंच किया गया.

इन दोनों ही कृषि यंत्रों को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इन यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों को खेती के काम में लगने वाले समय और लागत में भी कमी होगी. पशुचलित बैटरी आपरेटेड कल्टीवेटर आमतौर पर छोटे और मंझले किसान खेत की जुताई के लिए देशी हल का उपयोग करते हैं. इस के बाद पाटा लगाया जाता है. कई दफा इस दौरान खेत में ढेले टूट नहीं पाते. इस से बीज बोने के समय कठिनाई होती है और पूरी तरह से नहीं उग पाता. जो बीज बड़े ढेले के नीचे आ गया, वह अंकुरित ही नहीं हो पाता. ऐसे में दूसरी जुताई के समय पशुचलित बैटरी आपरेटेड कल्टीवेटर किसानों की इस समस्या का निदान कर सकता है. इस यंत्र में 750 वाट (1 एचपी) की मोटर लगी होती है और 48 वोल्ट पावर की बैटरी लगाई गई है. साथ ही, किसान को बैठने के लिए एक सीट भी लगी होती है. इस कल्टीवेटर की मदद से एक हेक्टेयर खेत को 5-7 घंटे में जोता जा सकता है.

चूंकि इस यंत्र में बैटरी का इस्तेमाल होता है, इसलिए मवेशियों को भी कम ताकत लगानी पड़ती है और किसान यंत्र की सीट पर बैठ कर आसानी से खेत की जुताई कर सकता है. पशुचलित बैटरी आपरेटेड प्लांटर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के माहिर वैज्ञानिक द्वारा पशुचलित बैटरी आपरेटेड प्लांटर भी बनाया गया है.

इस यंत्र की विशेषताएं इस प्रकार से हैं :

किसान इस यंत्र की मदद से कतारबद्ध बीज से बीज की दूरी बनाए रखते हुए बोआई कर सकता है. फसल के अनुसार बीज बोते समय कतार से कतार के बीच की दूरी को 20 से 50 सैंटीमीटर तक सैट कर सकते हैं. पशुचलित बैटरी आपरेटेड प्लांटर की कीमत तकरीबन 20-25 हजार रुपए तक बताई गई है.

किसानों को कितना मिलता है अनुदान: छत्तीसगढ़ में कम जोत वाले और सीमांत किसानों के लिए कृषि यंत्र सब्सिडी योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत राज्य के किसानों को सरकार की ओर से कृषि उपकरणों की खरीद पर अलगअलग कृषि उपकरणों पर 40 फीसदी से ले कर 70 फीसदी तक सब्सिडी का लाभ दिया जाता है. इस सब्सिडी की राशि का भुगतान किसान के बैंक खाते में आवेदन करने के बाद आता है. जो भी किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे अपने नजदीकी कृषि विभाग से संपर्क कर अधिक जानकारी ले कर इस का लाभ ले सकते हैं.

ड्रोन से होगा छिड़काव:  एग्रीकल्चर ड्रोन के माध्यम से 4 एकड़ खेतों में आधे घंटे के भीतर दवा का छिड़काव हो सकेगा. अमूमन एक किसान को इस के लिए एक एकड़ के लिए 3 घंटे का वक्त लगता है. मशीन के माध्यम से दवा की मात्रा भी निर्धारित की जा सकेगी. एग्रीकल्चर ड्रोन सौल्यूशन के साथ ही एग्री एंबुलैंस भी होगी, जिस में एग्रीकल्चर लैब की सुविधा भी होगी. इस में किसान सौइल टैस्टिंग आदि करा सकेंगे. इस में खेतीकिसानी के लिए संपूर्ण सुविधा होगी. इस में जैविक खाद की उपलब्धता भी होगी.

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