गांठगोभी ठंडे मौसम में उगाई जाने वाली फसल है. जिस तरह की आबोहवा फूलगोभी व पत्तागोभी की खेती के लिए चाहिए, गांठगोभी की खेती के लिए भी वैसी ही आबोहवा मुफीद होती है. उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ठंड के मौसम में इस की खेती की जाती है. लेकिन खरीफ के मौसम में दक्षिण भारत में यह फसल उगाई जाती है.

गांठगोभी की अच्छी पैदावार लेने के लिए भारी दोमट मिट्टी अच्छी मानी गई है. इस की खेती करने के लिए खेत की पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें और 2 या 3 बार कल्टीवेटर या हैरो से जुताई कर के खेत को अच्छी तरह से तैयार करें. जुताई के समय खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद भी सही मात्रा में जरूर डालें.

पौध की तैयारी :  फूलगोभी की तरह ही इस की पौध तैयार करें या भरोसे की पौधशाला से तैयार पौध भी ले सकते हैं. पौधशाला में पौध तैयार करने के लिए इस के बीज अगस्त से नवंबर महीने तक बोए जाते हैं और पहाड़ी इलाकों में इस की खेती करने के लिए फरवरी महीने में बीज बोए जाते हैं.

मैदानी इलाकों में अगेती फसल लेने के लिए इस की बोआई अगस्त महीने तक कर देनी चाहिए, जिस से समय से पौध तैयार हो सकें. अक्तूबर से नवंबर महीने तक भी पौध तैयार कर सकते हैं, पर वह पछेती फसल मानी जाएगी. 1 हेक्टेयर जमीन के लिए 1 से 1.5 किलोग्राम बीज सही रहते हैं.

बीजों को बोने से पहले उपचारित जरूर कर लें, जिस से फसल में बीमारी लगने का खतरा कम हो.

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