छोटे और मझोले  किसानों के साथ व्यावसायिक खेती से जुड़े किसानों की समस्याओं को देखते हुए गुजरात के एक शख्स ने बेहद ही सस्ते कीमत वाले एक ऐसे ट्रैक्टर को बना डाला.

भारत में छोटे और मझोले  किसानों में कृषि यंत्रों की कमी आज भी बड़ी समस्या है. इस कमी का एक बड़ा कारण है ट्रैक्टर और खेती में काम आने वाले यंत्रों के ऊंचे दाम. ऐसे में छोटे और मझोले किसान महंगे दामों पर किराए पर ट्रैक्टर और यंत्रों का उपयोग करने के लिए मजबूर होते हैं.

अगर कोई छोटा और मझोला  किसान हिम्मत कर के लोन से ट्रैक्टर और खेतीबारी के यंत्र ले भी लेता है, तो वह लोन चुकता न कर पाने की दशा में खुदकुशी जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो जाता है.

वहीं दूसरी तरफ ज्यादातर छोटे और मझोले किसान, जो सब्जियों और फलों की खेती करते हैं, उस में बड़े कृषि यंत्रों से काम करना कठिन होता है. ऐसे में इन फसलों के लिए किसानों को ज्यादा मजदूर रख कर काम करवाना पड़ता है. इस वजह से खेती में आने वाली लागत बढ़ जाती है और मुनाफा कम हो जाता है.

छोटे और मझोले किसानों के साथ व्यावसायिक खेती से जुड़े किसानों की इन्हीं समस्याओं को देखते हुए गुजरात के एक शख्स ने बेहद ही सस्ते कीमत वाले एक ऐसे ट्रैक्टर को बना डाला, जो न केवल छोटे और मझोले किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है, बल्कि इस से सब्जियों, फलफूल और व्यावसायिक फसलों की खेती, कटाई, मड़ाई कीटनाशकों का छिड़काव और धुलाई का काम भी बेहद आसान हो गया है.

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