नई दिल्ली : महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविध्यालय के फार्म मशीनरी विभाग में कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा संचालित कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र में श्रम विज्ञान एवं सुरक्षा पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना द्वारा फलासिया की ग्राम पंचायत पानरवा, में कृषि कार्यों में सुरक्षा पर एकदिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया.

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल से परियोजना समन्वयक डा. सुखबीर सिंह द्वारा परियोजना की तरफ से क्षेत्र की 40 महिला किसानों को उन्नत कृषि यंत्र भी प्रदान किए गए.

डा. सुखबीर सिंह ने बताया कि खेती में किसानों की रुचि जगाने के लिए कृषि कार्यों को सुगम एवं आरामदायक बनाने के लिए उन्नत एवं श्रम साध्य कृषि यंत्रों को अपनाना अति आवश्यक है. कृषि कार्यों के दौरान उड़ने वाले धूलकणों, रसायनों से बचने के लिए स्प्रे सेफ्टी किट का उपयोग करना बहुत जरूरी है. अरावली के इस सुंदर पहाड़ी क्षेत्र में किसानों के छोटेछोटे खेत हैं, जिन में बड़े कृषि यंत्रों का उपयोग संभव नहीं है. इसलिए यहां के किसानों को एकदूसरे से जुड़ कर खेती करनी होगी.

खेती में उपलब्ध हैं अनेक छोटे कृषि यंत्र

फार्म मशीनरी विभाग के विभागाध्यक्ष एवं परियोजना प्रभारी डा. सांवल सिंह मीना ने बताया कि परियोजना के उदयपुर केंद्र द्वारा विकसित प्रताप व्हील हो एक ऐसा यंत्र है, जिस से किसान बहुत ही आसान तरीके से फसलों से खरपतवार निकाल सकते हैं. इस यंत्र की सहायता से किसान निराई का काम भी कर सकते हैं.

परियोजना के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित सोलर मक्का थ्रैशर भी छोटे किसानों के लिए बहुत लाभदायक है, क्योंकि इस मशीन द्वारा भुट्टे से छिलका एवं दाना निकालने के दोनों काम एकसाथ हो जाते हैं. परियोजना की तरफ से अनुसूचित जाति के 40 किसानों को प्रताप व्हील हो, स्प्रे सुरक्षा किट एवं उन्नत दरांत के साथसाथ 20 किसानों को नेपसैक स्प्रयेर प्रदान किए गए.

फार्म मशीनरी विभाग से डा. सीपी दोशी ने किसानों को खेती के दौरान तेज धूप से बचने के लिए परियोजना द्वारा बनाई गई सोलर टोपी की जानकारी देते हुए बताया कि इस टोपी में सोलर से चलने वाला एक पंखा लगा हुआ है, जिस से किसान तेज धूप में भी आराम से खेती के काम कर सकते हैं.

तनिक सहायक रेखा धाकड़ ने महिला किसानों को स्प्रे सुरक्षा किट को पहना कर बताया कि कैसे यह किट स्प्रे काम के दौरान कीटनाशकों को सांस एवं आंख में जाने से रोकता है.

कार्यक्रम में कृषि विभाग, फलासिया के प्रभारी कृषि अधिकारी शिवदयाल मीना ने किसानों को सरकार द्वारा कृषि यंत्रों पर चलाई जा रही विभिन्न अनुदान योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार यंत्रीकरण को बढ़ाने के प्रयास कर रही है. वास्तव में कृषि में लागत कम करने के लिए यंत्रीकरण बहुत ही आवश्यक है.

प्रशिक्षण के दौरान फार्म मशीनरी विभाग से डा. नवीन कुमार सी., नरेंद्र कुमार यादव और भरत कुमार ने भी किसानों को आधुनिक तकनीकी के बारे में बताया एवं परियोजना में विकसित मक्का थ्रैशर को प्रदर्शित किया गया. उन्नत कृषि यंत्र पा कर किसानों के चेहरे खिल उठे और कहने लगे कि अब हम भी खेत में आधुनिक किसान बन कर काम करेंगे.

अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...