जमीन से अच्छी पैदावार लेने के लिए खेतों का समतल होना बहुत जरूरी है. पहले जहां खेतों को एकसार करने के लिए परंपरागत तरीके अपनाए जाते थे जिस में समय व मेहनत भी बहुत लगती थी, वहीं अब वही काम कृषि यंत्रों की मदद से काफी आसान हो गया है. जमीन को एकसार करने वाला ऐसा ही यंत्र है लेजर लैंड लेवलर.
कंप्यूटराइज्ड तकनीक से काम करने वाला यह यंत्र काफी कम समय में खेत की मिट्टी को समतल कर देता है. इस यंत्र को ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर चलाया जाता है.
इस मशीन में किरणों के अनुरूप खुद से चलने वाला धातु का बना ब्लेड लगा होता है जो हाइड्रोलिक पंप के दबाव से काम करता है और खेत के ऊंचे हिस्सों से मिट्टी को काट कर खेत के निचले हिस्से वाली जगह पर छोड़ता चलता है. इसी प्रक्रिया को पूरे खेत में अपनाया जाता है जिस के तहत पूरा खेत समतल हो जाता है.
लेजर लैंड लेवलर यंत्र के बारे में गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश के किसान सुशील त्यागी ने बताया कि अगर खेत की जमीन एकसार नहीं है तो उस में खाद, बीज, पानी भी समान मात्रा में नहीं मिल सकेगा. इस का पैदावार पर भी फर्क पड़ेगा. इसलिए समयसमय पर लेजर लैंड लेवलर कृषि यंत्र द्वारा खेत को समतल करवाते रहना चाहिए.
सुशील त्यागी ने आगे बताया कि इस यंत्र में 4 खास उपकरण लगे होते हैं. इन में लेजर ट्रांसमीटर, रिसीवर, कंट्रोल बौक्स और लेवलर होता है. रिसीवर से मिलने वाली सूचना के मुताबिक ट्रैक्टर पर लगा कंट्रोल बौक्स हाइड्रोलिक सिस्टम से लेवलर को ऊपरनीचे करता है. इसी प्रक्रिया के तहत खेत को एकसार बनाया जाता है. खेत एकसार होने से फसल में लगने वाले पानी में भी खासी बचत होती है. साथ ही, फसल पैदावार में भी बढ़ोतरी होती है.
खेत की जमीन अगर 6 इंच तक ऊंचीनीची है तो लेवलर द्वारा 1 एकड़ खेत को समतल करने में मात्र 2 घंटे लगते हैं. इसे 50 हार्सपावर से अधिक के टै्रक्टर के साथ जोड़ कर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है.
किसान लेजर लैंड लेवलर कृषि यंत्र खरीद कर इसे अपनी कमाई का जरीया भी बनना सकते हैं. एक यंत्र पर 2 लोगों को रोजगार मिल सकता है और खरीदे गए यंत्र की कीमत भी तकरीबन 3 साल में वसूल हो जाती है.
क्या है लेजर लेवलर
लेजर संप्रेषक : बैटरी से चलने वाला एक किरण निकालने वाला छोटा यंत्र होता है, जिसे खेत से बाहर एक जगह पर रख दिया जाता है. चालू करने पर यह यंत्र एक सीधी रेखा में किरणें निकालता है. इन्हीं किरणों के स्तर पर खेत समतल किया जाता है.
लेजर ग्राही : लेजर ग्राही ब्लेड के ऊपर लगाया जाता है जो लेजर संप्रेषक द्वारा भेजी गई किरणों के हिसाब से बौक्स को सूचना देता है, जिस से नियंत्रण बौक्स अपना काम करता है.
नियंत्रण बौक्स : यह एक छोटे डब्बे जैसा यंत्र है जिस में छोटेछोटे बल्ब लगे होते हैं. ट्रैक्टर ड्राइवर के पास इस को लगाया जाता है, जिस से ड्राइवर की नजर उस पर पड़ती रहे. यह पूरी तरह स्वचालित होता है. खेत को जिस सतह पर समतल करना होता है उस की सूचना नियंत्रण बौक्स में निर्धारित कर दी जाती है. यह हाइड्रोलिक यूनिट को चलाता है.
हाइड्रोलिक यूनिट : हाइड्रोलिक यूनिट ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक से जुड़ी होती है जो नियंत्रण बौक्स की सूचना पर ब्लेड को ऊपरनीचे करने में मदद करते हुए चलती है, जिस से मिट्टी काटी या गिराई जाती है और खेत समतल होता है.
लेजर लेवलर के फायदे
कम पानी में सिंचाई : समतल खेत में कम पानी लगता है और सिंचाई आसानी से हो जाती है. इस से तकरीबन 20-25 फीसदी पानी की बचत होती है. साथ ही, पानी देने वाले साधन में होने वाला खर्च, बिजली, डीजल आदि की भी बचत होती है.
एकसमान सिंचाई : पूरे खेत में एकजैसी सिंचाई होती है, खेत में पानी नहीं भरता, जिस से फसलों का विकास एकसमान होता है और पानी भर जाने से होने वाले नुकसान से फसलें बच जाती हैं.
समय और पैसे की बचत : समतल खेत में सिंचाई के लिए क्यारियां या बरहे, मेंड़ आदि 50 से 60 फीसदी कम बनाने पड़ते हैं, जिस से मेहनत, समय व धन की बचत होती है.
उपज में बढ़त : पूरे खेत में पानी एक सा ही लगता है, इसलिए पोषक तत्त्वों का नुकसान नहीं होता. जड़सड़न व तनासड़न जैसे रोग कम लगते हैं और 10-15 फीसदी उत्पादन बढ़ जाता है. साथ ही, मिट्टी की सेहत में सुधार होता है.