ट्रैक्टर के रखरखाव और उस के इस्तेमाल के बारे में जानने के लिए ट्रैक्टर का मैन्युअल यानी ट्रैक्टर के साथ जो निर्देशिका पुस्तिका (बुकलैट) होती है, उसे ध्यान से पढ़ें और उस के मुताबिक ही ट्रैक्टर का इस्तेमाल करें.
सही गियर में चलाएं :
टै्रक्टर को गलत गियर में चलाने से ईंधन की खपत 30 फीसदी तक बढ़ सकती है और खेत की जुताई जैसे काम में भी अच्छे नतीजे नहीं मिलते. इसलिए ट्रैक्टर की जरूरत (लोड) के हिसाब से गियर का इस्तेमाल करें.
पहिए फिसलते हैं तो :
खास हालात में काम करते समय अगर ट्रैक्टर के पहिए फिसलते हैं तो ढलुए लोहे के वजन से उन्हें फिसलने से बचाएं.
पहिए की फिसलन को कम से कम करने के लिए सही मात्रा में वजन का इस्तेमाल करें और खेत का काम खत्म होने के बाद ट्रैक्टर से वजन हटा दें.
डीजल का रिसाव रोकें :
ट्रैक्टर की जांच करें कि कहीं डीजल का रिसाव तो नहीं हो रहा है. एक बूंद प्रति सैकंड डीजल रिसने से सालाना 2,000 लिटर का नुकसान हो सकता है इसलिए ईंधन की टंकी, ईंधन का पंप, फ्यूल इंडक्टर और ईंधन लाइनों के जोड़ों को जांचें.
इंजन बंद कर दें :
अगर आप का टै्रक्टर चालू है और एक ही जगह खड़ा है तो भी प्रति घंटा 1 लिटर से ज्यादा डीजल की खपत करता है इसलिए लंबे समय तक ट्रैक्टर को चालू न रखें.
वहीं दूसरी ओर बैटरी, डायनमो, सैल्फ स्ट्राटर को हमेशा बेहतर हालत में रखें ताकि आप का ट्रैक्टर तुरंत चालू हो सके.
घिसे टायर न करें इस्तेमाल :
अगर ट्रैक्टर के टायर घिस गए हैं तो उन्हें बदल दें. घिसे हुए टायर से खींचने की ताकत घट जाती है. टायरों की सही देखभाल करें और टायरों को दोबारा लगाते समय तय करें कि सामने से देखने में ‘ङ्क’ ट्रेड प्वाइंट नीचे की ओर हो.
सड़क और खेत में काम करने के लिए ट्रायर में हवा के अलगअलग प्रैशर की जरूरत होती है इसलिए काम के हिसाब से ही टायरों की हवा ठीक रखें. इस के लिए आप अपने ट्रैक्टर की बुकलैट देख सकते हैं या ट्रैक्टर विक्रेता से पूछ सकते हैं.
धूल से बचाव :
ट्रैक्टर का इस्तेमाल ज्यादातर धूल वाली स्थिति में ही होता है इसलिए अच्छा एयर फिल्टर होना जरूरी है.
रिसर्च के मुताबिक, बिना फिल्टर की गई हवा से सिलिंडर बोर सामान्य की तुलना में जल्दी खराब हो जाते हैं और पिस्टन रिंग भी जल्दी घिस जाते हैं इसलिए अच्छी क्वालिटी के ईंधन फिल्टर का इस्तेमाल करें और उन्हें जरूरत के हिसाब से बदलते रहें.
याद रखें, दोनों ईंधन फिल्टरों को एकसाथ कभी न बदलें. एयर फिल्टरों को नियमित रूप से साफ करें.
योजनाबद्ध तरीके से चलाएं खेत में ट्रैक्टर :
ट्रैक्टर को खाली चलाना, बैकट्रैकिंग और ज्यादा घुमावों को कम करने के लिए खेत की जुताई तय तरीके के हिसाब से करें.
ट्रैक्टर को अनावश्यक तरीके से न घुमाएं. लंबी दूरी ही तय करें और खेत को बाहरी चारों कोनों से जोतते हुए अंदर की ओर जुताई करते आएं. पहली जुताई सीधी और समानांतर होनी चाहिए.
क्या ट्रैक्टर धुआं ज्यादा देता है :
ट्रैक्टर से ज्यादा धुआं निकलने से डीजल की बरबादी होती है. गलत गियर का इस्तेमाल करने से भी धुआं अधिक निकल सकता है. नोजल और फ्यूल इंजैक्टर पंप की जांच करें.
खराब फ्यूल इंजैक्टर से भी ईंधन की खपत 25 फीसदी तक बढ़ सकती है. अगर आप के ट्रैक्टर से धुआं निकलना जारी रहता है तो इंजन की किसी अच्छे जानकार मेकैनिक से या मान्यताप्राप्त गैराज से उस की मरम्मत कराएं.
कूवत के अनुरूप करें इस्तेमाल :
ट्रैक्टर में इंजन की हौर्सपावर के मुताबिक ही कृषि यंत्रों को जोड़ कर चलाएं. अगर कम पावर का ट्रैक्टर है और आप ने अधिक वजन वाला कृषि यंत्र इस्तेमाल किया है तो ट्रैक्टर पर अधिक लोड पड़ेगा जो ट्रैक्टर के इंजन के लिए नुकसानदायक है.
आजकल कृषि यंत्रों के साथ भी यह जानकारी दी जाती है कि इसे कितने हौर्सपावर के ट्रैक्टर के साथ इस्तेमाल कर सकते हैं.