अविकानगर: भाकृअनुप. केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर में 8 दिवसीय स्ववित्तपोषित 13वां राष्ट्रीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का 11 सितंबर, 2024 को निदेशक डा. अरुण कुमार की अध्यक्षता में कौंफ्रैंस हाल में समापन किया गया.
इस 8 दिवसीय वैज्ञानिक भेड़बकरी एवं खरगोशपालन प्रशिक्षण कार्यक्रम में देश के 9 राज्यों से इच्छुक किसानों ने भाग ले कर विस्तार से संस्थान के पशुओं के रखरखाव एवं उत्पादन के बारे में विस्तार से जाना.
निदेशक डा. अरुण कुमार ने सभी को अपने पशुपालन में यहां से सीखे हुए स्किल पर ध्यान दे कर अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस से छोटे पशुओं के पालन में महारत हासिल कर लोगों के लिए अच्छे पशु तैयार करना है. अंत में निदेशक द्वारा अविकानगर संस्थान की ओर से सभी तरह के सहयोग का आश्वासन दिया गया. इस मौके पर प्रशिक्षण में भाग ले रहे लोगों ने अपनेअपने सुझाव दिए एवं भविष्य के हिसाब से सुधार हेतु आवश्यक लैक्चर का आयोजन करने का निवेदन किया.
उपरोक्त प्रशिक्षण में भाग ले रहे तेलंगाना सरकार से रिटायर्ड होर्टिकल्चर एवं सैरिकल्चर निदेशक एल. वेंकटराम रेड्डी ने भी वर्तमान समय में भेड़पालन को मुनाफे का व्यवसाय बताया. उन्होंने बताया कि भेड़पालन में प्रति हैक्टेयर 10 लाख प्रतिवर्ष मुनाफा देने की क्षमता है जो किसी भी कृषि और पशुपालन के व्यवसाय से ज्यादा है.
उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण भारत में तो यह व्यवसाय पशुपालन इंडस्ट्री की ओर बढ़ रहा है, जो देश के लोगों की मांसाहारी डाइट को पूरा करेगा.
समापन के अवसर पर सभी किसानों को प्रमाणपत्र का भी वितरण निदेशक द्वारा किया गया.
प्रशिक्षण के उद्घाटन के अवसर पर विभाग अध्यक्ष डा. रणधीर सिंह भट्ट, डा. गणेश जी. सोनावाने, डा. सुरेश चंद शर्मा, अजय कुमार, डा. लीला राम गुर्जर, डा. सत्यवीर दांगी, डा. अमर सिंह मीना, डा. अरविंद सोनी आदि ने भी अपनेअपने अनुभवों से किसानों के सभी पहलुओं का जवाब दिया.