‘एमएसपी गारंटी कानून मोरचा’ का राष्ट्रीय अधिवेशन 19 अगस्त, 2023 को श्री रकाबगंज साहिब गुरुद्वारा के कांफ्रेंस हाल में आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता एमएसपी गारंटी कानून मोरचा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने की.
सरदार वीएम सिंह ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि इस मोरचा के गठन के बाद अब तक कई राज्यों में मोरचे की बड़ीबड़ी बैठकें संपन्न हुई हैं. आप सभी के सहयोग से एमएसपी की लड़ाई अब देश के प्रत्येक गांव तक पहुंच गई है.
उन्होंने आगे कहा कि ‘एमएसपी गारंटी किसान मोरचा’ को तकरीबन देश के 27 प्रांतों के 223 किसान संगठनों का जो समर्थन मिला है, वो अभूतपूर्व है.
मोरचे के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. राजाराम त्रिपाठी सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि अगली आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के पूर्व हर किसान मतदाता और उस के मतदान बूथ तक ‘एमएसपी गारंटी कानून नहीं- तो वोट नहीं’ नारे को पहुंचाया जा रहा है. एमएसपी गारंटी कानून के मुद्दे पर देश के सारे किसान संगठन एकमत व एकजुट हैं.
डा. राजाराम त्रिपाठी ने इस मौके पर सभी किसान संगठनों से देश में सांप्रदायिक सदभाव व भाईचारा कायम रखने, सभी अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा करने और देश की अखंड संप्रभुता की सर्वोच्च प्राथमिकता पर रक्षा करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी ने एकमत हो कर पारित किया.
इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश की तकरीबन सभी राज्यों के कोर कमेटी मेंबर एवं मोरचा प्रदेश संयोजकों ने सक्रिय भागीदारी की, जिन में प्रमुख रूप से महाराष्ट्र से वरिष्ठ किसान नेता राजू शेट्टी, उत्तराखंड से सोमदत्त शर्मा, पंजाब से जसकरन सिद्धू, हिमाचल प्रदेश से संजय शर्मा, बिहार से छोटेलाल श्रीवास्तव, मध्य प्रदेश से दीपक पांडेय मुदगल, जम्मूकश्मीर से यावर मीर अली, मेघालय से कैप्टन अल्फोंड, तमिलनाडु से गुरुस्वामी, कर्नाटक से चंद्रशेखर, हरियाणा से जसबीर सिंह घसोला, झारखंड से संजय ठाकुर, केरल से पीवी राजगोपाल, उत्तर प्रदेश से प्रदेश सहसंयोजक बलराज भाटी, दिल्ली से महेंद्र राणा, राजस्थान से जलपुरुष राजेंद्र सिंह के प्रतिनिधि मेजर हिमांशुऔर छत्तीसगढ़ से इस मोरचे के राष्ट्रीय प्रवक्ता डा. राजाराम त्रिपाठी प्रमुख रूप से शामिल रहे.
देशभर से आए किसान नेताओं ने बताया कि देश का प्रत्येक किसान परिवार इस मुहिम का हिस्सेदार बने, इसलिए गांवगांव में प्रचार कर समर्थन जुटाया जा रहा है. गांव में दीवार पुताई, प्रभात फेरी, बैनर और पोस्टर लगा कर हर परिवार तक एमएसपी के फायदे को बताया जा रहा है. गांवों की समितियां अपनेअपने तरीके से एमएसपी का माहौल बनाने का काम कर रही हैं. गांवों में अब ये नारे लगने लगे हैं, “गांवगांव एमएसपी, हर घर एमएसपी” और “फसल हमारी भाव तुम्हारा, नहीं चलेगा नहीं चलेगा” और “एमएसपी गारंटी नहीं तो वोट नहीं”.
सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश, जम्मूकश्मीर और देश के अंदर कई राज्यों में भारी बाढ़ और प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों की खेती के साथ ही जानमाल की हुई हानि को ले कर गंभीर चिंता व्यक्त की गई. इस के अलावा छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में पर्याप्त वर्षा न होने के कारण फसलों की बोनी और खड़ी फसल दोनों ही प्रभावित हुई हैं, इसलिए केंद्र व राज्य सरकारों से प्रभावित किसानों के लिए तत्काल विशेष राहत देने की मांग की गई. किसान नेता गुरुस्वामी ने तमिलनाडु के किसानों की समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया.
ऊर्जा अध्यक्ष सरदार वीएम सिंह ने गुरुस्वामी को आश्वस्त किया कि मोरचे की अगली बैठक तमिलनाडु में ही रखी जाएगी और वहां के विशिष्ट समस्याओं की निराकरण के लिए तत्काल मौके पर ही पहल की जाएगी. सम्मेलन में अन्य कई जरूरी प्रस्ताव भी पारित किए गए.