साबरकांठा: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों गुजरात के साबरकांठा जिले के हिम्मतनगर में 800 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता वाले अत्याधुनिक पशु आहार संयंत्र का उद्घाटन किया. इस अवसर पर गुजरात के विधानसभा अध्यक्ष शंकर चौधरी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

मंत्री अमित शाह ने कहा कि साबर डेयरी की स्थापना के रूप में जो बीज बोया गया था, वह आज एक वट वृक्ष बन कर साढ़े 3 लाख से ज्यादा परिवारों की आजीविका का साधन बन चुका है.

अमित शाह ने यह भी कहा कि पशुपालन से जुड़ी कुछ महिलाओं से उन्होंने मुलाकात की. इन महिलाओं ने बताया कि साबर डेयरी और उस के दूध के व्यापार की वजह से ही वे आज सम्मान से जीवन जी रही हैं.

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में अच्छे प्रदर्शन के लिए जिन 2 मंडलियों को सम्मानित किया गया, उन में दूध के व्यापार से एक करोड़ रुपए से अधिक का चैक हासिल करने वाली मंडली भी शामिल है.

उन्होंने आगे कहा कि सहकारी डेयरी आंदोलन ने न सिर्फ महिलाओं का सशक्तिकरण किया, बल्कि गांवों में समृद्धि लाने और पोषण प्रदान का भी काम किया है.

मंत्री अमित शाह ने कहा कि अमूल द्वारा शुरू की गई श्वेत क्रांति के कारण यह सफलता देखने को मिली है.

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि तकरीबन 210 करोड़ रुपए की लागत से साबर डेयरी के पशु आहार संयंत्र स्थापना की गई है, ताकि स्थानीय लोगों के मवेशियों को पोषक आहार मिल सके.

उन्होंने कहा कि 800 मीट्रिक टन क्षमता का यह अत्याधुनिक चारा संयंत्र न केवल साबरकांठा और अरावली के किसानों की चारा संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा.

उन्होंने कहा कि वर्ष 1976 में अपनी स्थापना से ले कर पशु आहार संयंत्र के उद्घाटन तक साबर डेयरी ने 2050 मीट्रिक टन पशु आहार क्षमता हासिल की है.

भारत में वर्ष 1970 में प्रतिदिन सिर्फ 40 लिटर प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष दूध उपलब्ध था, जबकि 2023 में देश में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 167 लिटर दूध की उपलब्धता थी. इस का मतलब है कि दुनिया के सभी देशों में प्रति व्यक्ति दूध उत्पादन की सब से ज्यादा औसत भारत की है और इस में सहकारी आंदोलन का बहुत बड़ा योगदान है.

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किसानों से प्राकृतिक खेती अपनाने की अपील करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में प्राकृतिक खेती किसान की समृद्धि का कारण बनेगी और देश एवं दुनिया के नागरिकों को कैंसर, डायबिटीज और ब्लडप्रेशर से मुक्त करने का साधन भी बनेगी.

उन्होंने आगे कहा कि प्राकृतिक खेती काफी आसान है और इस से समाज का स्वास्थ्य एवं आय बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है. प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को उन के उत्पाद के लिए अच्छी कीमत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सहकारी आर्गेनिक लिमिटेड और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड की स्थापना की है, जो किसानों से प्राकृतिक खेती से उगाए गए उत्पाद खरीद कर उन का निर्यात करेगी.

मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने पर पहले साल में फसल थोड़ी कम हो सकती है, लेकिन दूसरे और तीसरे साल में लाभ होगा.।प्राकृतिक खेती करने पर केंचुए से ही खेत काफी समृद्ध हो जाएगा और कोई कीटनाशक छिड़कने की आवश्यकता नहीं होगी.

उन्होंने कहा कि इस प्रयोग को गुजरात में काफी अपनाया गया है और डेयरी क्षेत्र को अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण को शामिल करना चाहिए.

सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मोदी ने ‘गोबरधन योजना’ की शुरुआत की है. यह योजना उन लोगों के लिए है, जिन के पास ज्यादा पशुधन है. गुजरात की कई डेयरियों ने गोबरधन की अवधारणा पर बहुत अच्छे तरीके से अमल किया है. गोबरधन से बनी खाद खेतों को समृद्ध बनाती है.

उन्होंने आगे कहा कि जब सहकारिता आंदोलन में डेयरी की शुरुआत की गई, उस समय किसी को नहीं पता था कि अमूल 60 हजार करोड़ रुपए का बड़ा तंत्र बन जाएगा.

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती की शुरुआत में भी यह प्रयोग व्यर्थ लग सकता है, लेकिन अंतत: यह भारत के किसानों के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का वैश्विक बाजार खोलने और देश में समृद्धि लाने का साधन बनेगी.

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