शिमला : सेब की पैदावार के मामले में हिमाचल की अपनी एक अलग ही पहचान है. प्रदेश की सेब अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार ने जिला शिमला के ठियोग विधानसभा क्षेत्र के पराला में हिमाचल प्रदेश बागबानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम यानी एचपीएमसी फल विधायन संयंत्र की इकाई प्रदेश की जनता को समर्पित की.

यह अत्याधुनिक संयंत्र 101 करोड़ रुपए की लागत से बना है और अत्याधुनिक तकनीक और मशीनों से लैस है. यह संयंत्र एक घंटे में तकरीबन 10 मीट्रिक टन सेब को प्रोसैस कर सकता है.

सेब की बेहतर पैदावार होने पर यह संयंत्र 18,000 मीट्रिक टन सेब को प्रोसैस कर सकता है, जिस से उच्च गुणवत्ता वाले सेब का जूस कंसंट्रेट तैयार होगा.

सेब से अनेक उत्पाद होंगे तैयार

Apple

इस अत्याधुनिक संयंत्र में एप्पल जूस कंसंट्रेट (एजेसी), पैेक्टिन, वाइन, विनेगर और रेडी टू सर्व जूस इकाइयां शामिल हैं. यह संयंत्र प्रति घंटे 2000 लिटर जूस बोतलों में पैक कर सकता है और  पैेक्टिन लाइन प्रतिदिन 800 किलोग्राम सेब की क्रशिंग कर सकता है. वाइन इकाई की वार्षिक क्षमता 1,00,000 लिटर है और 50,000 लिटर विनेगर का वार्षिक उत्पादन किया जाएगा. अल्ट्रा फिल्ट्रेशन तकनीक का उपयोग कर एप्पल जूस कंसंट्रेट को तैयार किया जाता है, जिस से इस की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है.

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि यह प्लांट सेब उत्पादकों की आर्थिकी सुदृढ़ करने में मील का पत्थर साबित होगी. सेब बहुल क्षेत्र में इस प्लांट को स्थापित करने का उद्देश्य सेब का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित कर बागबानों की आय में बढ़ोतरी करना है. यह संयंत्र मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदे गए सेब का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेगा. इस से उन के उत्पादों की परिवहन लागत पर होने वाला खर्चा कम होगा, जिस से बागबानों की आर्थिकी में वृद्धि होगी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
सब्सक्राइब करें
अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...