नई दिल्ली: केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर पशुपालन एवं डेयरी विभाग के ‘बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी 2024’ के वार्षिक प्रकाशन का विमोचन किया. इस अवसर पर मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल और जार्ज कुरियन के साथसाथ पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे.

बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी (बीएएचएस)- 2024 एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो पशुधन और डेयरी क्षेत्र के रुझानों के बारे में बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है. बीएएचएस -2024, 1 मार्च, 2023 से 29 फरवरी, 2024 तक एकीकृत नमूना सर्वेक्षण के परिणामों पर आधारित है.

यह अनूठा सर्वे दूध, अंडे, मांस और ऊन जैसे प्रमुख पशुधन उत्पादों के उत्पादन अनुमानों पर महत्वपूर्ण डेटा उत्पन्न करता है, जो पशुधन क्षेत्र में नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इस प्रकाशन में दुधारू पशुओं, पोल्ट्री पालतू पक्षी प्रजातियां, मारे गए जानवरों और ऊन निकाले गए भेड़ों की अनुमानित संख्या सहित प्रमुख पशुधन उत्‍पाद और प्रति व्यक्ति उपलब्धता का राज्यवार अनुमान शामिल है.

इस के अलावा यह पशु चिकित्सा अस्पतालों, पौलीक्लिनिक्स, गौशालाओं, राज्य फार्मों और अन्य बुनियादी ढांचे के विवरणों के साथसाथ कृत्रिम गर्भाधान की संख्या और पशुधन क्षेत्र संबंधित वैश्विक परिप्रेक्ष्य पर बहुमूल्य डेटा प्रस्तुत करता है.

National Milk Day

साल 2023-24 में दूध, अंडा, मांस और ऊन उत्पादन

बुनियादी पशुपालन सांख्यिकी (बीएएचएस) देश में दूध, अंडे, मांस और ऊन के उत्पादन का सालाना अनुमान जारी करता है. यह एकीकृत नमूना सर्वे (आईएसएस) के परिणामों पर आधारित होता है, जो देशभर में 3 मौसमों यानी गरमी (मार्चजून), बरसात (जुलाईअक्तूबर) और सर्दी (नवंबरफरवरी) में आयोजित किया जाता है. इस सर्वे के नतीजे  इस प्रकार दिए गए हैं:

दूध उत्पादन

बीएएचएस 2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार, साल 2023-24 के दौरान देश में कुल दूध उत्पादन 239.30 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो पिछले 10 सालों की तुलना में 5.62 फीसदी ज्‍यादा है. साल 2014-15 में यह 146.3 मिलियन टन था. इस के अलावा, साल 2022-23 के अनुमानों की तुलना में साल 2023-24 के दौरान उत्पादन में 3.78 फीसदी की वृद्धि हुई है.

साल 2023-24 के शीर्ष 5 दूध उत्पादक राज्यों के बारे में बात की जाए तो, उत्तर प्रदेश 16.21 फीसदी के साथ कुल दूध उत्पादन में पहले स्‍थान पर था. उसके बाद राजस्थान (14.51 फीसदी), मध्य प्रदेश (8.91 फीसदी), गुजरात (7.65 फीसदी) और महाराष्ट्र (6.71 फीसदी) का स्‍थान है.

वार्षिक वृद्धि दर के संदर्भ में पिछले वर्ष की तुलना में सब से अधिक वृद्धि पश्चिम बंगाल (9.76 फीसदी) ने दर्ज की. उस के बाद झारखंड (9.04 फीसदी), छत्तीसगढ़ (8.62 फीसदी) और असम (8.53 फीसदी) का स्थान रहा.

अंडा उत्पादन

देश में साल 2023-24 के दौरान कुल अंडा उत्पादन 142.77 बिलियन रहने का अनुमान है. पिछले 10 सालों में साल 2014-15 के दौरान 78.48 बिलियन के अनुमान की तुलना में 6.8 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. इस के अलावा साल 2022-23 की तुलना में साल 2023-24 के दौरान उत्पादन में सालाना 3.18 फीसदी की वृद्धि हुई है.

कुल अंडा उत्पादन में सब से बड़ा योगदान आंध्र प्रदेश का है, जिस की कुल अंडा उत्पादन में हिस्सेदारी 17.85 फीसदी है. इस के बाद तमिलनाडु (15.64 फीसदी), तेलंगाना (12.88 फीसदी), पश्चिम बंगाल (11.37 फीसदी) और कर्नाटक (6.63 फीसदी) का स्थान है. सब से अधिक वार्षिक वृद्धि दर लद्दाख (75.88 फीसदी) में दर्ज की गई और उस के बाद मणिपुर (33.84 फीसदी) और उत्तर प्रदेश (29.88 फीसदी) का स्थान है.

मांस उत्पादन

देश में 2023-24 के दौरान कुल मांस उत्पादन 10.25 मिलियन टन होने का अनुमान है. साल 2014-15 में 6.69 मिलियन टन के अनुमान की तुलना में पिछले 10 सालों में 4.85 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. इस के अलावा साल 2022-23 की तुलना में साल 2023-24 में उत्पादन में 4.95 फीसदी की वृद्धि हुई.

कुल मांस उत्पादन में मुख्य योगदान पश्चिम बंगाल का है. इस की हिस्सेदारी 12.62 फीसदी है, उस के बाद उत्तर प्रदेश (12.29 फीसदी), महाराष्ट्र (11.28 फीसदी), तेलंगाना (10.85 फीसदी) और आंध्र प्रदेश (10.41 फीसदी) का स्थान है. उच्चतम वार्षिक वृद्धि दर असम (17.93 फीसदी) में दर्ज की गई है, जिस के बाद उत्तराखंड (15.63 फीसदी) और छत्तीसगढ़ (11.70 फीसदी) का स्थान है.

ऊन उत्पादन

देश में साल 2023-24 के दौरान कुल ऊन उत्पादन 33.69 मिलियन किलोग्राम रहने का अनुमान है, जो पिछले साल की तुलना में 0.22 फीसदी की मामूली वृद्धि दर्शाता है. साल 2019-20 के दौरान यह 36.76 मिलियन किलोग्राम और उस से पिछले साल 33.61 मिलियन किलोग्राम था.

कुल ऊन उत्पादन में सब से बड़ा योगदान राजस्थान का है, जिस की हिस्सेदारी 47.53 फीसदी है. उस के बाद जम्मू और कश्मीर (23.06 फीसदी), गुजरात (6.18 फीसदी), महाराष्ट्र (4.75 फीसदी) और हिमाचल प्रदेश (4.22 फीसदी) का स्थान है. सब से अधिक वार्षिक वृद्धि दर पंजाब (22.04 फीसदी) में दर्ज की गई. उस के बाद तमिलनाडु (17.19 फीसदी) और गुजरात (3.20 फीसदी) का स्थान है.

विश्व परिदृश्य

भारत दूध उत्पादन में विश्व में अग्रणी है, जबकि अंडा उत्पादन में दूसरे स्‍थान पर है.

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