आईसीएआर-आईएआरआई, नई दिल्ली ने “पर्यावरणीय स्थिरता के लिए कृषि और औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन पर उद्यमिता अवसर” पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन
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पर्यावरणीय स्थिरता के लिए कृषि और औद्योगिक अपशिष्ट प्रबंधन पर उद्यमिता के अवसरों पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन 15 मई, 2023 को पद्म भूषण प्रो. (डा.) आरबी सिंह द्वारा 15 मई को किया गया था. कुल 49 प्रतिभागियों (कोरिया और नेपाल से 15 राज्य और 2 अंतर्राष्ट्रीय उम्मीदवार) ने विभिन्न पृष्ठभूमि और शिक्षा के विविध समूह से प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण कराया, जिन में से 34 फीसदी उम्मीदवार महिला प्रतिभागियों के हैं.
इस कार्यक्रम के अंत में समापन सत्र के दौरान डा. आलोक सिंह, डायरैक्टर इन चीफ (बागबानी), दिल्ली नगरनिगम द्वारा “वेस्ट टू आर्ट टू वेस्ट टू वेल्थ” पर मुख्य व्याख्यान दिया गया.
डा. आलोक सिंह ने अपने व्याख्यान के दौरान कचरे का महत्व बताया और दिल्ली नगरनिगम द्वारा चलाए जा रहे ड्रीम प्रोजैक्ट्स, वेस्ट टू वंडर पार्क, भारत दर्शन पार्क, नंदन वन चिल्ड्रन पार्क, वुडलैंड चिल्ड्रन पार्क के बारे में चर्चा की.
उन्होंने कचरे को मूर्तियों में बदलने के बारे में चर्चा की और अपशिष्ट पदार्थों से पैसे की अवधारणा पर विचारविमर्श किया.
समापन सत्र के दौरान पर्यावरण विज्ञान विभाग के प्रमुख डा. एस. नरेश कुमार ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और प्रशिक्षण के समन्वयक डा. भूपिंदर सिंह ने प्रारंभिक टिप्पणी की. डा. आशीष खंडेलवाल पाठ्यक्रम निदेशक ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का अवलोकन प्रस्तुत किया. समग्र कार्यक्रम में बायोगैस और बायोस्लरी के उत्पादन, जैव ईंधन उत्पादन, कृषि अवशेष प्रबंधन के लिए पूसा डीकंपोजर की भूमिका, औद्योगिक और कृषि अनुप्रयोग के लिए बायोएक्टिव यौगिकों के लिए निष्कर्षण दृष्टिकोण, अपशिष्ट प्रबंधन के लिए बायोडिग्रेडेशन दृष्टिकोण, नीले हरे शैवाल जैसे विभिन्न विषयों को शामिल किया गया. पोषक तत्वों से भरपूर सूत्रीकरण, विविध क्षेत्रों के लिए गन्ना उद्योग के कचरे का उपयोग, जैविक कीटनाशक के रूप में बागबानी अपशिष्ट, अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग कर के विकसित स्टार्टअप की केस स्टोरी, वर्मी कंपोस्ट के संदर्भ में बायोमास उपयोग, पत्ती समृद्ध खाद, मशरूम उत्पादन, पशु ब्लौक प्रौद्योगिकी के लिए इंजीनियरिंग हस्तक्षेप और पेलेट विकास, सजावटी में मूल्य संवर्धन, कृषि अपशिष्ट का उपयोग.
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षुओं को वेस्ट टू इलेक्ट्रिसिटी प्लांट तहखंड व नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन दादरी का भ्रमण कराया गया.
जेना टेस्डेल, निदेशक, कृषि विकास के लिए युवा पेशेवर (वैश्विक), सम्मानित अतिथि, ने वाईपीएआरडी का अवलोकन किया और युवाओं की भूमिका व कृषि और संबद्ध क्षेत्र में उद्यमिता के अवसरों की दिशा में उन की भागीदारी प्रस्तुत की. डा. आरएन पडारिया, संयुक्त निदेशक (विस्तार), भाकृअनुप-आईएआरआई ने अपशिष्ट प्रबंधन और उद्यमिता के अवसरों के महत्व पर प्रकाश डाला और न केवल अपशिष्ट प्रबंधन, बल्कि उद्यमिता के अवसरों, अपशिष्ट प्रबंधन पर व्यवसाय मौडल पर एक पाठ्यक्रम शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया.
अंत में जेडटीएमबीपीडी की प्रभारी डा. आकृति शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. कुलमिला कर प्रशिक्षण कार्यक्रम ने कचरे को पैसे में बदलने और कचरे के आसपास उद्यमिता के अवसरों के लिए प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित किया.