हिसार: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय 16-17 सितंबर को कृषि मेला (रबी) का आयोजन करेगा. कुलपति प्रो. बीआर कंबोज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष मेले का विषय ‘फसल अवशेष प्रबंधन’ होगा. मेले में आने वाले किसानों को विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा कृषि में फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में तमाम जानकारी दी जाएगी.

उन्होंने बताया कि इस मेले में बीज, उर्वरक, कीटनाशक, कृषि मशीनें व यंत्र निर्माता कंपनियां भी भाग लेंगी. किसानों को विभिन्न कृषि कार्यों के लिए उपयुक्त मशीनों, यंत्रों एवं उन की कार्य प्रणाली के साथ इन मशीनों की कीमत और इन के निर्माताओं की भी जानकारी मिल सकेगी.

विस्तार शिक्षा निदेशक डा. बलवान सिंह मंडल ने बताया कि पूर्व की भांति इस साल भी यह मेला विश्वविद्यालय के गेट नंबर 3 के सामने मेला ग्राउंड पर लगाया जाएगा. मेले में किसानों को विश्वविद्यालय की ओर से सिफारिश की गई रबी फसलों के उन्नत बीज और बायोफर्टिलाईज़र के अतिरिक्त कृषि साहित्य उपलब्ध करवाए जाएंगे. इस के लिए मेला स्थल पर विभिन्न सरकारी बीज एजेंसियों के सहयोग से बिक्री काउंटर लगाए जाएंगे.

किसानों को विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म पर वैज्ञानिकों द्वारा उगाई गई खरीफ फसलें दिखाई जाएंगी और  उन में प्रयोग की गई टैक्नोलौजी की जानकारी दी जाएगी. साथ ही, किसानों की कृषि, पशुपालन और गृह विज्ञान संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए मेले के दोनों ही दिन प्रश्नोत्तरी सभाएं आयोजित की जाएंगी. मेला स्थल पर मिट्टी, सिंचाई व रोगी पौधों की वैज्ञानिक जांच करवाने की किसानों को सुविधा दी जाएगी.

उधर, सहनिदेशक (विस्तार) डा. कृष्ण यादव ने बताया कि कृषि मेले में लगने वाली एग्रोइंडस्ट्रियल प्रदर्शनी के लिए स्टालों की बुकिंग शुरू की जा चुकी है. प्राइवेट कंपनियों को स्टाल ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर आवंटित किए जाएंगे.

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