कटनी : मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में तुअर के उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाए. कोदोकुटकी के रकबे को बढ़ाने से पानीबिजली का उपयोग संतुलित होगा और फसल चक्र में भी सुधार होगा. इसलिए किसानों को कोदोकुटकी की फसल लेने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है. फसल चक्र पर ग्रीष्मकालीन फसल लेने के नकारात्मक प्रभाव से भी किसानों को अवगत कराना जरूरी है.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव कृषक हितग्राही मूलक योजनाओं सहित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और कृषि विविधीकरण के लिए कि जा रहे प्रयासों पर मंत्रालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक में किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री ऐदल सिंह कंषाना, मुख्य सचिव मती वीरा राणा उपस्थित थीं.

कृषि उपज मंडी में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित सचिव होंगे जिम्मेदार

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि कृषि उपज मंडियों की व्यवस्था को चाकचौबंद रखने के लिए वरिष्ठ अधिकारी मंडियों के तौलकांटे, वित्तीय लेनदेन और दूसरी व्यवस्था का आकस्मिक निरीक्षण करें. यह सुनिश्चित किया जाए कि किसानों के हितों से कहीं भी खिलवाड़ न हो और मंडी व्यवस्था के प्रति किसानों का विश्वास बरकरार रहे. कलक्टर कृषि उपज मंडी के संचालन पर भी निगरानी रखें. कहीं पर भी कृषि उपज मंडी में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित सचिव जिम्मेदार होंगे, उन के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने वेयरहाउस निर्माण व उपयोग के प्रावधानों में किसानों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संशोधन करने के निर्देश दिए. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से सीमांत, लघु किसानों को लाभ मिले.

मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश, जलवायु परिस्थितियों, मिट्टी और फसलों के विविध पैटर्न के साथ संपन्न है. हमारे किसानों की अथक मेहनत से प्रदेश कृषि विकास में सर्वोपरि है. हमारा प्रदेश दलहन व तिलहन के क्षेत्र और  उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है. किसानों की आय में वृद्धि करने और कृषि को लाभ का धंधा बनाने की दिशा में हम निरंतर प्रयासरत हैं.

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