उदयपुर : 12 अगस्त. 2024. राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर के बीएससी (कृषि) चतुर्थ वर्ष के छात्रों को ग्रामीण कृषि कार्यानुभव कार्यक्रम हेतु विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक एवं महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. आरबी दुबे ने हरी झंडी दिखा कर बसों को रवाना किया.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक ने छात्रों को संबोधित करते हुए बताया कि रावे कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्रों पर रहते हुए ग्रामीण किसान समुदाय से कृषि की नवीनतम प्रौद्यागिकी से रूबरू हो कर प्रायोगिक अनुभव प्राप्त करेंगे. साथ ही, उन्होंने विद्यार्थियों को सीख दी कि प्रत्येक विद्यार्थी कम से कम किसान के खेत पर 5 पौधे लगावे और राज्य व केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कृषि उन्नयन परियोजनाओं के बारे में किसानों को बताए.
महाविद्यालय के अधिष्ठाता ने विद्यार्थियों को अनुशासित रहते हु किसान परिवारों के साथ कृषि के बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त करने की सलाह दी. उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों के लिए किसान परिवारों के साथ रह कर उन के द्वारा अपनाई जा रही समन्वित कृषि तकनीकी, विभिन्न फसलों की पारंपरिक एवं उन्नत खेती और पशुपालन तकनीकी के बारे में बारीकी से देख कर सीखने का सुअवसर है.
डा. आरए कौशिक, निदेशक, प्रसार शिक्षा ने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि यदि ईमानदारी से रावे कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, तो भविष्य में कृषि आधारित उद्योग लगा कर स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं. साथ ही, सभी कृषि विज्ञान केंद्रों पर लगी हुई विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों का अवलोकन करें एवं कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसान समुदाय को प्रदान की जा रही सेवाओं का निकटता से अवलोकन करें.
इस कार्यक्रम के समन्वयक प्रो. एसएस सिसोदिया, विभागाध्यक्ष, प्रसार शिक्षा विभाग ने अतिथियों का स्वागत करते हुए रावे कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों का समिति द्वारा नियमित निरीक्षण किया जाएगा.
रावे कार्यक्रम के प्रभारी डा. आरएस राठौड़ ने बताया कि इस सत्र के102 विद्यार्थियों में से 34 छात्राएं व 68 छात्र हैं, जो कि बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, शाहपुरा, राजसमंद एवं वल्लभनगर कृषि विज्ञान केंद्रों पर भेजे जा रहे हैं. ये विद्यार्थी 9 सप्ताह तक इन जिलों में किसानों से संवाद कर उन के द्वारा अपनाई जा रही कृषि की नवीनतम विधाओं के बारे में अनुभव हासिल करेंगे.
इस अवसर पर डा. राम हरी मीणा, डा. सुभाष मीणा, डा. कपिल देव आमेटा, डा. शालिनी पिलानिया, डा. हरी सिंह, डा. राम नारायाण कुम्हार, डा. चंद्र प्रकाश नामा, संकाय सदस्यों एवं तमाम कर्मचारी उपस्थित रहे.