सबौर : बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में आईसीएआर (ICAR)-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (ATARI), पटना द्वारा आयोजित बिहार और झारखंड में कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए तीनदिवसीय वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 29 अगस्त, 2024 से 31 अगस्त, 2024 तक किया गया. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के कुलपति डा. डीआर सिंह उपस्थित थे. विशिष्ट अतिथियों में ICAR- MGFRI, मोतिहारी के डा. केजी मंडल, ICAR- RECR, पटना के निदेशक डा. अनुप दास, ICAR, नई दिल्ली से डा. केशव, पीएस (एई) और ICAR-ATARI, पटना के निदेशक डा. अंजनी कुमार शामिल रहे.

मंच पर अन्य गणमान्य व्यक्तियों में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के प्रसार शिक्षा निदेशक डा. आरके सोहने, अनुसंधान निदेशक डा. एके सिंह और अन्य गण्यमान लोग शामिल रहे. कुलपति डा. डीआर सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश के 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) में से लगभग 10 फीसदी हमारे क्षेत्र जोन IV में स्थित हैं.

उन्होंने कृषि और किसानों के विकास में कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय के छात्र न केवल प्लेसमेंट हासिल कर रहे हैं, बल्कि हाल ही में BPSC द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उल्लेखनीय सफलता प्राप्त कर चुके हैं.

उन्होंने आगे बताया कि विश्वविद्यालय विभिन्न पहलों के माध्यम से सालाना 2.5 लाख से अधिक किसानों के साथ जुड़ता है और औसतन प्रतिदिन 8 कार्यक्रम आयोजित करता है. उन्होंने गांवों में कृषि ज्ञान वाहन के सकारात्मक प्रभाव पर बल दिया और कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक जिले के लिए एक वाहन खरीदने पर विचार करे.

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